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बांझ बनाने के लिए लोहे के तारों से सिल दिए घोड़ियों के प्राइवेट पार्ट, डॉक्टर भी सहम गए

Kolhapur Crime News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां के सांगली जिले में तीन घोड़ियों को खून से लथपथ पाया गया। पशु चिकित्सकों ने जब उनकी हालत देखी तो उनकी भी रूह कांप गई। घटना की सूचना इलाके में आग की तरह फैल गई। अब सांगली सिटी […]

Kolhapur Crime News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां के सांगली जिले में तीन घोड़ियों को खून से लथपथ पाया गया। पशु चिकित्सकों ने जब उनकी हालत देखी तो उनकी भी रूह कांप गई। घटना की सूचना इलाके में आग की तरह फैल गई। अब सांगली सिटी थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता का मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। बताया गया है कि इसी तरह का एक मामला साल 2020 में भी सांगली पुलिस ने दर्ज किया गया था।

दर्दनाक हालत में मिली थी तीनों घोड़ियां

पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन के सदस्य डॉ. अजय बाबर को सांगली के भारती अस्पताल के पास लगभग दो से तीन साल की तीन घोड़ियां दर्दनाक हालत में मिलीं। जब उनकी मेडिकल जांच की गई तो पाया कि उनके गुप्तांगों को लोहे के तारों से सिला गया था। पुलिस कांस्टेबल पोपट नागरगोजे और जावेद अत्तार के मौजूदगी में डॉ. राकेश चित्तोरा, डॉ. विनायक सूर्यवंशी, डॉ. बाबर और एनजीओ के सदस्य गोरखनाथ कुराडे ने घोड़ियों को दर्द निवारक इंजेक्शन दिए गए और धातु के तारों को हटा दिया गया। यह भी पढ़ेंः Watch Video: अचानक सामने आया तेंदुआ और लोगों की ‘जान से लिपट गया’

साल 2020 में भी सामने आया था ऐसा मामला

एनजीओ के सदस्य और शिकायतकर्ता कौस्तुभ पोल ने बताया कि किसी जानवर के निजी अंगों को सिलना एक घृणित काम है और कानून का उल्लंघन भी है। इन घोड़ियों के मालिक का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि साल 2020 में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अब सांगली के पुलिस अधीक्षक को इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की गई है।

रेस के बाद घोड़ियों को खुला छोड़ देते हैं लोग

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेश उप्रेती ने बताया कि सांगली शहर में हर जगह सड़कों पर घोड़े दिख जाते हैं। इन घोड़ों का इस्तेमाल घुड़दौड़ के लिए किया जाता है, जिसके बाद इन्हें खुले में चरने के लिए छोड़ दिया जाता है। दौड़ में कई घोड़ियां भाग लेती हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि इस घोड़ियों को गर्भवती होने से रोकने के लिए ये काम किया गया है। क्योंकि रेड की घोड़ियों को गर्भवती होने से रोका जाता है। इसलिए इनके मालिक अक्सर इनके प्राइवेट पार्टों को सिल देते हैं। देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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