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इंडिगो संकट का सच जल्द आएगा सामने, कमेटी ने DGCA को सौंपी रिपोर्ट, सभी को खुलासे का इंतजार

दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो के नेटवर्क में भारी व्यवधान देखने को मिला. एक ही दिन में 1600 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई और उड़ानें घंटों विलंब से रवाना हुईं. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में पिछले कुछ हफ्तों से जारी परिचालन संकट की जांच करने वाली चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) को सौंप दी. हालांकि रिपोर्ट को 'कॉन्फिडेंशियल' रखा गया है और इसके प्रमुख निष्कर्ष अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच समिति ने शुक्रवार शाम अपनी रिपोर्ट जमा की, जिसकी कॉपी नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू और सचिव समीर कुमार सिन्हा के कार्यालयों को भी भेजी गई हैं.

अधिकारी के मुताबिक, 'कमेटी ने इंडिगो संकट की जमीनी वजहों और भविष्य में ऐसी समस्या ना हो इसलिए, बचाव के तरीकों पर भी विश्लेषण किया है.' पांच दिसंबर को गठित इस समिति की अगुवाई डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक संजय के ब्रम्हाणे ने की. इसमें उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन कपिल मंग्लिक और उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन लोकेश रामपाल जैसे अधिकारी शामिल थे. इन्हें 15 दिनों में अपनी सिफारिशें सौंपने का काम सौंपा गया था.

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गौरतलब है कि दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो के नेटवर्क में भारी व्यवधान देखने को मिला. एक ही दिन में 1600 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई और उड़ानें घंटों विलंब से रवाना हुईं. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी. डीजीसीए ने इसे एयरलाइन की 'आंतरिक निगरानी, ऑपरेशन तैयारी और अनुपालन योजना में गंभीर खामी' बताया. नियामक ने माना कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद इंडिगो नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) व्यवस्था लागू करने की तैयारी समय पर नहीं कर सकी.

क्या रिपोर्ट में 'जवाबदेही' तय होगी?


खबर यह भी है कि समिति की रिपोर्ट में इंडिगो की आंतरिक प्लानिंग की कमियां, रोस्टर प्रबंधन की खामियां और संकट के दौरान एयरलाइन के कम्युनिकेशन गैप पर भी विस्तार से चर्चा की गई है. अब ध्यान इस पर है कि क्या DGCA एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन पर कोई नियामकीय कार्रवाई करेगा या रिपोर्ट को केवल एक 'वर्किंग डॉक्युमेंट' की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल रिपोर्ट को मंत्रालय ने सीलबंद लिफाफे में रखा है. सूत्रों के अनुसार, इसे सार्वजनिक करने का फैसला नागर विमानन मंत्री और DGCA प्रमुख के स्तर पर लिया जाएगा.


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