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‘ताजमहल की खूबसूरती आगरा के लिए श्राप बन गई है…’, जानें BJP सांसद ने लोकसभा में क्यों कही ये बात

आगरा के फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर ने कहा, ताजमहल की खूबसूरती जनता के लिए श्राप बन गई है. उसकी खूबसूरती न जाए, इस कारण शहर में न तो कोई फैक्ट्री लग पा रही है और न ही कोई उद्योग लग पा रहा है. BJP MP राजकुमार चाहर ने बुधवार को आगरा के डेवलपमेंट में रुकावट आने पर चिंता जताई, क्योंकि सख्त ताज ट्रेपेजियम जोन और NGT के नियमों की वजह से यह रुका हुआ है.

आगरा के फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर ने कहा, ताजमहल की खूबसूरती जनता के लिए श्राप बन गई है. उसकी खूबसूरती न जाए, इस कारण शहर में न तो कोई फैक्ट्री लग पा रही है और न ही कोई उद्योग लग पा रहा है. BJP MP राजकुमार चाहर ने बुधवार को आगरा के डेवलपमेंट में रुकावट आने पर चिंता जताई, क्योंकि सख्त ताज ट्रेपेजियम जोन और NGT के नियमों की वजह से यह रुका हुआ है.

लोकसभा के विंटर सेशन के दौरान, चाहर ने कहा कि शहर का मशहूर ताजमहल, जो दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र है, ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) और NGT के नियमों के तहत सख्त नियमों की वजह से "श्राप" बन गया है, जिससे इंडस्ट्रियल ग्रोथ और नौकरियां पैदा होने में रुकावट आती है.

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उन्होंने आगरा की स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर जोर दिया, एक्सप्रेसवे के जरिए इसकी कनेक्टिविटी का जिक्र किया, और रोजगार और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक IT हब बनाने का प्रस्ताव रखा, जिससे ताज की सुंदरता बनी रहे और ग्रोथ को बढ़ावा मिल सके.

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सांसद ने आगरा की भौगोलिक और सड़क कनेक्टिविटी को रेखांकित करते हुए कहा, 'दिल्ली–आगरा एक्सप्रेसवे, लखनऊ–आगरा एक्सप्रेसवे, आगरा–ग्वालियर नया एक्सप्रेसवे और आगरा–जयपुर मार्ग के कारण आगरा की देश के प्रमुख महानगरों तक पहुंच है. जब उद्योगों पर प्रतिबंध है, तब शहर के विकास का सबसे उपयुक्त और बड़ा विकल्प यह है कि आगरा में भारत का प्रमुख आईटी हब स्थापित किया जाए.'

सांसद ने केंद्र सरकार से मांग रखते हुए कहा कि आगरा के बेरोजगार युवाओं के भविष्य और जनहित को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से आईटी हब घोषित किया जाए. इससे यहां हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं शहर का समग्र विकास भी होगा और ताजमहल की ऐतिहासिक सुंदरता भी सुरक्षित रहेगी.

DPDP एक्ट को लेकर क्या बोले अश्विनी वैष्णव?

वहीं, आज सुबह, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाल ही में नोटिफाई किए गए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के तहत आने वाले सभी AI ऐप और AI मॉडल सुरक्षित हैं, जिससे नागरिकों को भरोसा मिलता है कि उनका पर्सनल डेटा सुरक्षित है.

आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान, मंत्री ने डेटा प्राइवेसी के बारे में एक सदस्य की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि DPDP एक्ट नागरिकों के डेटा की सुरक्षा करता है और पर्सनल डेटा की सुरक्षा के लिए पहले कोई सिस्टम नहीं था.

मंत्री ने लोकसभा में कहा, 'इस एक्ट से पहले, ऐसा कोई सिस्टम नहीं था जिससे पर्सनल डेटा की सुरक्षा की जा सके.'

मंत्री वैष्णव के अनुसार, एक्ट को 13 नवंबर को नोटिफाई किया गया था, और 'इससे नागरिकों के डेटा की सुरक्षा का एक बिल्कुल नया सिस्टम बना है, और इसी भावना के साथ हम काम कर रहे हैं.'

यह भी पढ़ें- लोकसभा में फेक न्यूज पर सरकार का सख्त रुख, अश्विनी वैष्णव बोले- ‘ये लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा’

अब जो कोई भी किसी यूजर का डेटा...

DPDP एक्ट की वजह से, मंत्री वैष्णव ने लोकसभा में सप्लीमेंट्रीज के जवाब में कहा, 'अब जो कोई भी किसी भी यूजर, भारत के किसी भी नागरिक का पर्सनल डेटा इस्तेमाल करेगा, उसके पास असल में एक प्रोटेक्शन मैकेनिज़्म होगा जिसके जरिए सहमति लेनी होगी, डेटा मिनिमाइजेशन करना होगा, राइट टू फॉरगेट करना होगा, और मकसद बहुत साफ तौर पर बताना होगा.'

सरकार ने 14 नवंबर, 2025 को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) रूल्स, 2025 को नोटिफाई किया. यह डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 (DPDP एक्ट) के पूरी तरह से लागू होने का निशान है.

यह एक्ट और रूल्स मिलकर डिजिटल पर्सनल डेटा के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए एक साफ और नागरिक-केंद्रित फ्रेमवर्क बनाते हैं. वे व्यक्तिगत अधिकारों और कानूनी डेटा प्रोसेसिंग पर बराबर ज़ोर देते हैं.


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