Telangana Politics: वाईएस शर्मिला को ‘पेपर लीक’ के विरोध-प्रदर्शन में जाने से रोका, धारा 144 लागू
Telangana Politics: वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की प्रमुख वाईएस शर्मिला ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव पेपर लीक मामले के विरोध प्रदर्शन में उन्हें जाने से रोक रहे हैं और रिहायशी इलाकों में धारा 144 लगा रहे हैं।
वाईएस शर्मिला ने कहा कि सिर्फ मेरी ही पार्टी नहीं बल्कि विपक्ष की सारी पार्टियां को उनके समर्थन में नहीं हैं, सभी के विरोध प्रदर्शन के प्रयासों को रोकने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, तेलंगाना पुलिस ने पेपर लीक को लेकर तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (TSPSC) कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करने के लिए शर्मिला को हैदराबाद में उनके आवास से बाहर जाने से रोक दिया।
शर्मिला बोलीं- तेलंगाना में कोई लोकतंत्र नहीं
वाईएस शर्मिला ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि आप (केसीआर) रिहायशी इलाकों में धारा 144 लगा रहे हैं ताकि कोई विरोध न हो और हम सरकार के खिलाफ न जाएं। तेलंगाना में कोई लोकतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी को लोगों का समर्थन मिलने से केसीआर चकित हैं।
शर्मिला ने दावा किया कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी दिल जीत रही है और लोगों का विश्वास हासिल कर रही है। मुझे अपने ही परिसर में विरोध करने की अनुमति क्यों नहीं है? उन्होंने आगे आरोप लगाया कि टीएसपीएससी बोर्ड सहायक अभियंता (सिविल) भर्ती परीक्षा लीक मामले में शामिल है और केवल एसआईटी जांच पर्याप्त नहीं होगी।
वाईएस शर्मिला ने कथित मामले में सीबीआई और मौजूदा न्यायाधीशों द्वारा जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि कौन शामिल हैं। एक एसआईटी जांच पर्याप्त नहीं होगी। हम सीबीआई और मौजूदा न्यायाधीशों की ओर से जांच की मांग करते हैं अन्यथा सच्चाई की जीत होगी।
मंगलवार को शर्मिला को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की छोटी बहन शर्मिला को मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था। बता दें कि शर्मिला तेलंगाना में गोदावरी नदी पर एक बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर केसीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं।
शर्मिला ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर पिछले सप्ताह हैदराबाद में 'मौन विरोध' भी किया था। बता दें कि फरवरी में शर्मिला ने राज्य में केसीआर के शासन की तुलना अफगानिस्तान में तालिबान के शासन से की थी और उन्हें तानाशाह करार दिया था।
पिछले कुछ हफ्तों में तेलंगाना में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है क्योंकि वाईएसआरटीपी और भारतीय जनता पार्टी जैसे विपक्षी दल इस साल होने वाले विधान सभा चुनाव में केसीआर और उनकी भारत राष्ट्र समिति को टक्कर देने की तैयारी कर रहे हैं।
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