TrendingParis OlympicsBigg Boss OTT 3Success StoryAaj Ka RashifalAaj Ka Mausam

---विज्ञापन---

शराब की एक बूंद बेचे बिना कमाया 2,639 करोड़ रुपए, जानें कैसे बना ये रिकॉर्ड?

Telangana Excise Department: क्या कोई शराब एक बोतल बेचे बिना करोड़ों रुपए कमा सकता है? जवाब हां है। यह कमाल तेलंगाना के आबकारी विभाग ने कर दिखाया है, जो राज्य के लिए एक बड़ा रिकॉर्ड है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग शराब की एक भी बोतल बेचे बिना 2,639 करोड़ रुपए जुटाने में कामयाब रहा है। […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 21, 2023 13:00
Share :
Liquor

Telangana Excise Department: क्या कोई शराब एक बोतल बेचे बिना करोड़ों रुपए कमा सकता है? जवाब हां है। यह कमाल तेलंगाना के आबकारी विभाग ने कर दिखाया है, जो राज्य के लिए एक बड़ा रिकॉर्ड है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग शराब की एक भी बोतल बेचे बिना 2,639 करोड़ रुपए जुटाने में कामयाब रहा है। यह पैसा शराब की दुकानों के आवंटन पर लगने वाले शुल्क से आया है।

2,620 दुकानों के लिए आए 1.32 आवेदन

तेलंगाना में शराब की 2,620 दुकानें हैं। विभाग ने इसके आवंटन की प्रक्रिया के लिए 4 अगस्त से आवेदन लेना शुरू किया था। शुक्रवार आवेदन के लिए आखिरी दिन था। विभाग ने आवेदन के लिए एक शर्त रखी थी, जिसमें दो लाख का शुल्क रखा गया था। यह शुल्क वापस नहीं होगा। लाइसेंस पाने के लिए 1.32 लाख आवेदन आए। 21 अगस्त को लॉटरी के जरिए दुकानों का आवंटन किया जाएगा।

 

और पढ़ें – मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई CWC के जरिए कांग्रेस को दी एनर्जी, ऐसे साधेंगे कई सियासी फायदे!

 

जनसंख्या के हिसाब से देना होगा भुगतान

लाइसेंस पाने वालों को उस क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर दिया जाएगा। इसके लिए दुकानदार को हर साल 50 लाख रुपये से 1.1 करोड़ रुपये का शुल्क देना होगा। वार्षिक लाइसेंस शुल्क का छठा हिस्सा 23 अगस्त तक भुगतान करना होगा। नियमों के अनुसार, 5 हजार की आबादी में स्थित दुकानों को 50 लाख रुपए और 20 लाख की आबादी में आवंटित दुकानों को हर साल 1.1 करोड़ रुपए भुगतान करना होगा।

दुकानों के आवंटन में भी आरक्षण

एक व्यापारी के लिए, मार्जिन की तुलना में शुल्क छोटा है। वे साधारण ब्रांड के लिए 27 प्रतिशत और प्रीमियम किस्मों के लिए 20 प्रतिशत कमा सकते हैं। लाइसेंस आवंटन में भी आरक्षण है। 786 लाइसेंस यानी 30 प्रतिशत वंचित वर्गों के लिए हैं। इसमें से 15 प्रतिशत गौड़ा के लिए है, जो परंपरागत रूप से ताड़ी निकालने और शराब की बिक्री करते हैं, 10 प्रतिशत दुकानें अनुसूचित जाति के लिए और पांच प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिए हैं।

क्यों अचानक बढ़े आवेदन?

इससे पहले इतनी कमाई कभी नहीं हुई। दो साल पहले लाइसेंस जारी होने पर 69 हजार आवेदन आए थे। तब 1370 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। जानकारों का कहना है कि तेलंगाना में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साथ लोकसभा का चुनाव है। ऐसे में शराब की खपत बढ़ेगी। इसलिए अधिक से अधिक लोग इस कारोबार से जुड़ना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें: कब्र से आ रही थी भयानक आवाजें, 11 दिनों बाद खोदकर निकाला तो दंग रह गए लोग

First published on: Aug 20, 2023 08:53 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें
Exit mobile version