TrendingYear Ender 2025T20 World Cup 2026Bangladesh Violence

---विज्ञापन---

Tamil Nadu Stampede से पहले भी देश में भगदड़ की 10 बड़ी घटनाएं, क्या हैं NDMA की गाइडलाइंस

Major stampede incidents in India: तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को अभिनेता विजय थलापति की रैली में अचानक भगदड़ मचने से अब तक 39 लोगों की मौत हुई है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यहां तक कहा कि राज्य के इतिहास में उन्होंने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान जाते […]

Major stampede incidents in India: तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को अभिनेता विजय थलापति की रैली में अचानक भगदड़ मचने से अब तक 39 लोगों की मौत हुई है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यहां तक कहा कि राज्य के इतिहास में उन्होंने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान जाते देखी. हाल ही के वर्षों में देश में पहले भी भगदड़ की बड़ी घटनाएं सामने आई हैं. इनमें प्रमुख तौर पर धार्मिक आयोजन, चुनावी रैलियां और त्योहारों के दौरान भीड़ नियंत्रण में कमी मुख्य तौर पर जिम्मेदार रही है. 2025 की शुरुआत में ही प्रयागराज के महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई थी, उसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची.

देश में भगदड़ की 10 बड़ी घटनाएं

  • जून 2025 में बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत का जश्न मनाते हुए मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई.
  • फरवरी 2025 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना में 15 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर मिली थी
  • जनवरी 2025 में प्रयागराज के महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान करीब 30 लोगों की मौत हो गई थी.
  • दिसंबर 2024 में साउथ सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ में मौत हुई थी.
  • जुलाई 2024 में उत्तर प्रदेश में भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि धार्मिक सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ से 107 लोगों की मौत हो गई.
  • मार्च 2023 में मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर हुए धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हुए हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी.
  • जनवरी 2022 में जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची थी. इसमें 12 लोगों की मौत हुई थी.
  • सितंबर 2017 में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में रेलवे पुल पर मची भगदड़ के कारण करीब 23 लोगों की जान गई थी.

भीड़ प्रबंधन को लेकर क्या कहते हैं नियम

किसी भी संभावित भीड़ वाले आयोजन से पहले प्रोटोकॉल यही कहता है कि NDRF, SDRF, सिविल डिफेंस और लोकल पुलिस को स्टेंपेड मैनेजमेंट पर ट्रेनिंग दी जाए. बड़े धार्मिक आयोजनों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) यही कहता है कि प्रॉपर बैरिकेडिंग हो, जगह-जगह सीटीसीवी हों, इमरजेंसी इग्जिट और ड्रोन से निगरानी बहुत जरूरी है.

---विज्ञापन---

क्या हैं NDMA की गाइडलाइंस

  • 2014 और 2018 में NDMA ने धार्मिक मेले, रैलियां, स्पोर्ट्स इवेंट के लिए मास गेदरिंग इवेंट्स एंड वेन्यूज पर क्राउड मैनेजमेंट के नाम पर गाइडलाइंस जारी की गई. इस जानें क्या कहती हैं NDMA की गाइडलाइंस
  • आयोजन से पहले उसके रिस्क का मूल्यांकन जरूरी है. मसलन, आयोजन स्थल की कितनी क्षमता है? क्या वहां के एंट्री-एग्जिट गेट सही हैं? आग लगने पर बचाव के क्या साधन हैं? भीड़ किसलिए जुट रही है? यह मूल्यांकन भी जरूरी है.
  • रिस्क का मूल्यांकन करने के बाद इंटीग्रेटड प्लान पर फोकस किया जाता है, जिसके तहत पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, दमकल, SDRF/NDRF का कोआर्डिनेशन जरूरी होता है.
  • आयोजन के मास्टर प्लान से यह तय होता है कि कहां-कहां बैरिकेडिंग हुई है. रूट मैप क्या है? भीड़ को निकालने के लिए अल-अलग वैकल्पिक इंतजाम क्या-क्या हैं. लोकेशन मैनेजेमेंट के तहत सीसीटीवी और ड्रोन मॉनीटरिंग से रियल-टाइम भीड़ पर नजर बनाए रखना जरूरी.
  • भीड़ में अफ़वाह रोकने व लोगों को निर्देश देने के लिए पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम जरूरी
  • आयोजन के दौरान किसी भी हेल्थ इमरजेंसी की सिच्युऐशन में मेडिकल पोस्ट & एम्बुलेंस तैनात करना जरूरी
  • आयोजन के लिए डिजिटल टिकट या स्लॉट बेसड एंट्री सिस्टम से अचानक भीड़ की संभावना कम होती है.
  • आयोजन का एंट्री और एग्जिट गेट अलग रखने से भी भीड़ के प्रवाह को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है.
  • आयोजन के लिए पुलिस और स्वयंसेवकों को क्राइड साइकॉलोजी और डिजास्टर रिस्पांस पर ट्रेनिंग जरूरी है.
  • बड़े आयोजन से पहले मॉक ड्रिल्स जरूरी हैं, ताकि आग लगने या भगदड़ मचने पर बचाव की तैयारी हो सके.
  • बड़े आयोजन को Disaster Management Plan के तहत कवर करना अनिवार्य है.
  • इसके अलावा आयोजक, स्थल प्रबंधन और जिला प्रशासन – सभी की जिम्मेदारी तय होनी जरूरी है.

---विज्ञापन---


Topics:

---विज्ञापन---