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बुरे फंसे तमिलनाडु सरकार के दो मंत्री: पोनमुडी की 41 करोड़ की संपत्ति जब्त, जेल में बंद सेंथिल ने SC का खटखटाया दरवाजा

Tamil Nadu: तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार के दो मंत्री मुश्किल में हैं। नौकरी के लिए कथित नकदी घोटाले में मंत्री वी सेंथिल पहले से जेल में हैं। अब उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, वहीं शिक्षा मंत्री के पोनमुडी की 41 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय ने […]

Tamil Nadu
Tamil Nadu: तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार के दो मंत्री मुश्किल में हैं। नौकरी के लिए कथित नकदी घोटाले में मंत्री वी सेंथिल पहले से जेल में हैं। अब उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, वहीं शिक्षा मंत्री के पोनमुडी की 41 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर ली है।

सेंथिल ने हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती

तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से की गई सेंथिल की गिरफ्तारी को वैद्य करार दिया। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत बालाजी को गिरफ्तार करने या हिरासत में रखने की शक्तियां हैं। बालाजी को ईडी ने 14 जून को गिरफ्तार किया था।

शिक्षा मंत्री के पोनमुडी की 41 करोड़ की संपत्ति जब्त

कथित अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी और उनके बेटे की 41.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। मंत्री विल्लुपुरम जिले की तिरुक्कोयिलुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनके 49 वर्षीय बेटे गौतम सिगमणि कल्लाकुरिची सीट से सांसद हैं। इससे पहले सोमवार को एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मंत्री से जुड़े सात स्थानों पर तलाशी ली थी। तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और नकदी बरामद हुई थी। सोमवार की शाम मंत्री और उनके बेटे को हिरासत में ले लिया गया था। करीब सात घंटे की पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ा गया। दोनों को मंगलवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया।

पोनमुडी पर ये हैं आरोप

पोनमुडी पर आरोप है कि उन्होंने 2007 से 2011 के बीच मंत्री रहते हुए खनन लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया। उन्होंने अनुमेय सीमा से 2.64 लाख ट्रक अधिक लाल रेत का खनन किया था। जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। सत्तारूढ़ द्रमुक ने केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया, और कहा कि यह बेंगलुरु में मेगा विपक्षी बैठक से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। यह भी पढ़ें: Surat Diamond Bourse: भारत में दुनिया की सबसे बड़ी आफिस बिल्डिंग की सामने आई तस्वीर, रोमांचित कर देंगे वीडियो-फोटो


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