Supreme Court rejects plea challenging Jyotiraditya Scindia election: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा के लिए चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ के समक्ष मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए सिंधिया के चुनाव को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (SLP) लगाई गई थी।
सिंधिया के खिलाफ दायर याचिका में इस मुद्दे को चुनौती दी गई थी कि क्या केवल FIR दर्ज होने से एक लंबित आपराधिक मामला बनता है? क्या इसका खुलासा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत संभावित उम्मीदवार के नामांकन पत्र में किया जा सकता है? उस आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया गया।
विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा- याचिकाकर्ता द्वारा विवादित आदेशों में हस्तक्षेप का कोई मामला नहीं बनाया गया था। सिंधिया का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील एनके मोदी और सिद्धार्थ भटनागर के साथ-साथ वकील फरेहा अहमद खान और करंजावाला एंड कंपनी एडवोकेट्स की एक टीम ने किया, जिसका नेतृत्व ताहिरा करंजावाला ने किया। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी ने किया।
इससे पहले 7 जुलाई को भी सिंधिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। दरअसल, मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता गोविंद सिंह का कहना था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में एक मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान अपना नामांकन भरते समय इसकी जानकारी नहीं दी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी सांसदों को मैदान में उतार रही है। कहा जा रहा है कि पांचवीं लिस्ट में ज्योतिरादित्य का नाम शामिल किया जा सकता है। उन्हें शिवपुरी, कोलारस या गुना जिले की बमोरी सीट से मैदान में उतारा जा सकता है।