Chhattisgarh Liquor Scam (प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली): सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से दोनों को राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) और FIR को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध या अवैध गतिविधि नहीं हुई है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जब कोई आपराधिक धनराशि नहीं है, तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
जांच एजेंसी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया था। साल 2019 से 2022 के बीच ये कथित घोटाला किया गया। ईडी के खुलासे के बाद कांग्रेस ने रमन सरकार को निशाने पर लिया था। जिसमें 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा काले धन की कमाई का आरोप लगाया गया।
अनिल टुटेजा पर लगे थे आरोप
दिल्ली की एक अदालत में आयकर विभाग ने 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर चार्जशीट दायर की थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को मनी लॉन्ड्रिंग का मास्टरमाइंड बताया था। ईडी ने कहा था कि पूरा सिंडीकेट अनिल टुटेजा से जुड़ा था।
ईडी ने कहा था कि इस सिंडीकेट में राजनीतिक अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारी और निजी व्यक्ति शामिल हैं। अनिल टुटेजा उस वक्त वाणिज्य और उद्योग विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव थे। ईडी ने इस मामले में कई और प्रशासनिक अधिकारियों को आरोपी बनाया था। इसी के साथ आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर भी आरोप लगे थे।