Supreme Court Alert On Fake Website (प्रभाकर मिश्रा): सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक नोटिस जारी कर लोगों को 'फिशिंग अटैक' के बारे में अलर्ट किया है। इंटरनेट की भाषा में फिशिंग अटैक का मतलब होता है कि लोगों को गुमराह कर उनकी पर्सनल इनफार्मेशन जैसे पासवर्ड, बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी लेना।
ऐसा किसी आधिकारिक वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम वाली वेबसाइट के जरिए होता है। सुप्रीम की जानकारी में यह बात सामने आई है कि कई वेबसाइट खुद को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट बता कर लोगों से उनकी पर्सनल जानकारियां लेने की कोशिश कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फर्जी वेबसाइट से यूपी के दस IAS अधिकारियों को मेल भेजकर इस मामले में पेश होने का निर्देश दिया। कोर्ट ने लिया संज्ञान लेकर पब्लिक नोटिस जारी कर कहा है कि एक दर्जन से अधिक सुप्रीम कोर्ट के नाम पर फेक वेबसाइट्स हैं जो लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी मांग रही हैं। कोर्ट के द्वारा जारी नोटिस में लोगों को आगाह किया गया है कि ऐसे वेबसाइट्स पर अपनी कोई महत्वपूर्ण गोपनीय और वित्तीय जानकारी साझा न करें।
सुप्रीम कोर्ट ऐसी कोई जानकारी किसी से नहीं मांगता है। ऐसे किसी धोखाधड़ी का शिकार बनने की स्थिति में कोर्ट ने सलाह दी है कि पीड़ित सभी ऑनलाइन खातों के लिए अपने पासवर्ड बदल लें और किसी भी अनधिकृत लेनदेन की रिपोर्ट करने के लिए अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी से तत्काल संपर्क करें। कोर्ट ने इन फर्जी वेबसाइट्स के संबंध में जांच एजेंसियों को सूचित कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार के तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट www.sci.gov.in है, कोर्ट की वेबसाइट पर क्लिक करने के पहले यह सुनिश्चित कर ले कि आप सही वेबसाइट पर ही क्लिक कर रहे हैं। नोटिस में उन फेक वेबसाइट्स के URL की लिस्ट भी जारी की गई है जो सुप्रीम कोर्ट नाम पर बनाई गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नाम कर मौजूद फेक वेबसाइट्स की लिस्ट
www.scigoin.com
www.scicbiovven.com
www.scigoinvon.com
www.judiciarycheck.in
www.scis.scigovss.net
www.slcmain.in
www.judicialsearchinia.com
www.sclm.in
www.scin.in
www.scibovven.com
www.cbisciingov.com
www.govt.judicialauthority.com
www.thescoi.com
www.sclcase.com
www.lx-yindu.top
6 जनवरी को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी की एडिशन एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने जस्टिस हृषिकेश रॉय की अगुवाई वाली बेंच को सूचित किया था कि राज्य के लगभग 10 आईएएस अधिकारियों को कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होने के लिए ईमेल के जरिए लिंक भेजे गए थे। जबकि कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था। कोर्ट ने इस घटना का संज्ञान लिया था और हृषिकेश रॉय ने मौखिक रूप से अदालत के कर्मचारियों को इस मुद्दे को रजिस्ट्रार के ध्यान में लाने का निर्देश दिया था।
ये भी पढ़ें-Special Trains: महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी, जल्दी कर लें टिकट बुकिंग