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‘जांच करनी होगी कि क्या दोषियों की सजा माफी को कोई तरजीह दी गई’, बिलकिस बानो केस में SC की टिप्पणी

Supreme Court Comment In Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच करनी होगी कि क्या गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो केस में दोषियों की सजा माफी की अर्जी को कोई खास तरजीह दी। बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस और […]

Supreme Court Comment In Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच करनी होगी कि क्या गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो केस में दोषियों की सजा माफी की अर्जी को कोई खास तरजीह दी। बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस और उनके परिजनों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई बार दोषियों को माफी देने में विशिष्टता दी जाती है, जबकि कानूनी प्रा‌वधान तो एक ही है। कोर्ट ने कहा कि हम सजा में माफी के सिद्धांत को जानते हैं, लेकिन बिलकिस बानो केस में पीड़िता समेत अन्य लोगों ने भी दोषियों की सजा माफी पर सवाल उठाए हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमें विस्तार से जानकारी दी जाए कि आखिर किस आधार पर दोषियों को समय से पहले रिहा किया गया? इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार यानी 20 सितंबर को होगी।

बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हैं कई याचिकाएं

बता दें कि बिलकिस बानो केस में दोषियों को समय से पहले रिहा करने के मामले में पीड़िता समेत कई लोगों ने याचिका दाखिल की है। याचिकाओं में दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका दाखिल करने वालों में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, सीपीआई (एम) नेता सुभाषिनी अली, लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलति रेखा वर्मा आदि शामिल हैं। बता दें कि मामला 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ा है। घटना के वक्त पीड़िता बिलकिस बानो 5 महीने की प्रेग्नेंट थी। उनके परिवार के 7 सदस्यों की दंगाईयों ने हत्या कर दी थी। मृतकों में बिलकिस की 3 साल की बेटी भी शामिल थी। मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसी साल 15 अगस्त को दोषियों की सजा माफी वाली अर्जी पर गौर करते हुए गुजरात सरकार ने दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया था।


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