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दिखा दिए सारे डॉक्यूमेंट्स फिर भी कट गया SIR में नाम? जानिए बाद में कैसे जुड़वा सकते हैं आप अपनी डिटेल

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) आपके मौजूदा वोटर लिस्ट का एक तरह से केवाईसी ऑप्शन है. एसआईआर के तहत आपके वोटिंग डिटेल को फिर से अपडेट किया जाएगा.

Special Intensive Revision: बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को सफलता पूर्वक संपन्न करवाए जाने के बाद अब ये अभियान देशभर के 12 राज्यों में भी शुरू कर दिया गया है. इसका दूसरा फेज 4 नवंबर से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गोवा समेत 9 राज्यों और 3 केंद्रीय शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है. इस बीच विपक्ष ने एसआईआर अभियान का पुरजोर विरोध किया, लेकिन उसका कुछ खास असर दिखाई नहीं पड़ा. एसआईआर के तहत वोटर लिस्ट में दर्ज नागारिकों की लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है, घर-घर जाकर BLO स्थानीय लोगों को एक फार्म देते हैं.

SIR में नहीं आया नाम तो क्या होगा?


बिहार में एसआईआर की फाइलन लिस्ट आने के बाद कई लोगों ने दावा किया कि उनका नाम लिस्ट से काट दिया गया है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि अगर उनका भी नाम लिस्ट में अपडेट नहीं हुआ तो क्या होगा? क्या ऐसे लोग कभी वोट नहीं दे पाएंगे, या उन्हें भारत का नागरिक ही नहीं माना जाएगा? अगर आपके मन में भी ऐसे ही सवाल हैं तो ये खबर आपके लिए ही है.

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क्या होता है SIR?


आसान भाषा में अगर आपको बताएं तो स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) आपके मौजूदा वोटर लिस्ट का एक तरह से केवाईसी ऑप्शन है. एसआईआर के तहत आपके वोटिंग डिटेल को फिर से अपडेट किया जाएगा, जिसके लिए घर-घर बीएलओ जाएंगे और फॉर्म भरवाएंगे, जिसे Enumeration Form कहा जाता है. इस फॉर्म का एक हिस्सा बीएलओ अपने साथ ले जाएंगे और आपको एक पर्ची दे देंगे. इस फॉर्म का उद्देश्य सिर्फ ये साबित करना है कि आपका साल 2002 की वोटिंग लिस्ट से कनेक्शन है. अगर आप जन्म साल 2002 के बाद हुआ है तो आपके माता-पिता का कनेक्शन इस साल की वोटिंग लिस्ट से होना जरूरी है. अगर ये लिंक साबित हो जाता है तो आपको अपने प्रमाण में किसी भी तरह का डॉक्यूमेंट देने की आवश्यकता नहीं है.

SIR लिस्ट में अगर ना मिले नाम तो क्या होगा?


एक्सपर्ट के अनुसार अगर किसी कारणवश आपका नाम एसआईआर लिस्ट में एड नहीं होता, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है. इसके बाद भी एक सामान्य प्रोसेस से आप अपना नाम SIR प्रक्रिया में जुड़वा सकते हैं. इसके अलावा आप ऑनलाइन के जरिए, या फिर बीएलओ से बात कर अपना नाम एड करा सकते हैं, इसके लिए भी आपको एड्रेस प्रूफ समेत दूसरे डॉक्यूमेंट्स की कॉपी देना पड़ सकता है. आपको बता दें कि SIR में नाम होना या ना होगा किसी की नागरिकता पर कोई असर नहीं डालता. ना ही वोटर आई कार्ड को नागरिकता का प्रमाण माना गया है.


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