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Bengaluru Stampade में जान गंवाने वाले 11 युवा कौन? जिनका जिक्र करते ही रो पड़े डिप्टी CM

Stampede Bengaluru Stadium: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में जान गंवाने वाले 11 युवाओं में डांसर, नौकरीपेशा लोग शामिल थे। जो अपनी डयूटी के बाद घर लौटते समय आरसीबी की विक्ट्री परेड में शामिल होने गए थे, परेड कैंसिल होने पर स्टेडियम पहुंचे, लेकिन भगदड़ का शिकार हो गए। उनका जिक्र करते समय कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी रो पड़े। जानें, जान गंवाने वाले युवा कौन?

भगदड़ में जान गंवाने वाले 11 युवाओं में डांसर, नौकरीपेशा लोग शामिल।
Stampede Bengaluru Chinnaswamy Stadium Latest update : बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए रखा आयोजन उस समय मातम में बदल गया, जब भारी संख्या में उमड़े समर्थकों में भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और 47 लोग घायल हो गए। दरअसल, आरसीबी के आयोजन स्थल के बारे में मिली-जुली खबरें फैलने के बाद प्रशंसक बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में घुसने के लिए पेड़ों, दीवारों और गेटों पर चढ़ गए। इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक 700 के करीब समर्थकों के जबरदस्ती गेट तोड़ने की कोशिश में भगदड़ मची। पीड़ितों में विभिन्न जिलों के किशोर और युवा शामिल हैं

जान गंवाने वाले लोगों की लिस्ट

भगदड़ में जान गंवाने वालों में तीन किशोर और 20 से 35 वर्ष की आयु के छह लोग शामिल थे। पीड़ितों की पहचान पूर्ण चंद्र (26), दिव्यांशी (13), प्रज्वल (20), चिन्मयी शेट्टी (19), शिव लिंग स्वामी, भूमिक (20), सहाना (19), श्रवण (20), देवी (29), मनोज कुमार (33) और अक्षता (27) के रूप में की गई।

सिविल इंजीनियर पूर्णा चंद्र

भगदड़ का शिकार होने वालों में एक सिविल इंजीनियर पूर्णा चंद्र थे, जोकि मैसूर की एक निजी कंपनी में सिविल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे। 26 वर्षीय पूर्णा चंद्र मांड्या जिले के राजसमुद्र इलाके के निवासी थे। वे आरसीबी के प्रशंसकों के स्वागत समारोह में शामिल होने चिन्नास्वामी स्टेडियम आए थे और भगदड़ का शिकार हो गए।

विराट कोहली की फैन दिव्यांशी

विराट कोहली की फैन आंध्र प्रदेश की 13 वर्षीय दिव्यांशी अपने पसंदीदा क्रिकेटर की एक झलक पाने के लिए बेंगलुरु आई थी, चिन्नास्वामी स्टेडियम के प्रवेश द्वार के पास दम घुटने और सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए उसका शव आज आंध्र प्रदेश वापस ले जाया जाएगा।

इंटरव्यू के लिए कहकर आया था प्रज्ज्वल

निजी कंपनी में नौकरी के लिए इंटरव्यू पर जाने के लिए घर से निकला चिंतामणि निवासी 20 वर्षीय प्रज्ज्वल भी मरने वालों में से एक है। उसने अपने परिवार को बताया था कि वह जॉब इंटरव्यू के लिए बेंगलुरु जा रहा है, लेकिन इसके बजाय वह कार्यक्रम में भाग लेने चला गया।

इंजीनियरिंग की छात्रा चिन्मयी शेट्टी

भरतनाट्यम की डांसर चिन्मयी शेट्टी का क्रिकेट में इंट्रेस्ट नहीं था। दोस्त के जिद करने पर उसके साथ आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम गईं। दुखद बात यह है कि वह कभी वापस नहीं लौटीं। 19 वर्षीय चिन्मयी शेट्टी इंजीनियरिंग की प्रथम वर्ष की छात्रा थीं।

टीसी लेने निकला और स्टेडियम पहुंचा शिव लिंग स्वामी

कक्षा 10 की परीक्षा पास करने के बाद शिव लिंग स्वामी पीयूसी के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्कूल से अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट के लिए निकला था। मूल रूप से यादगीर जिले का रहने वाला शिव लिंग स्वामी भी चिन्नास्वामी स्टेडियम की भगदड़ का शिकार हो गया।

भगदड़ मचने की एक वजह ये भी

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ मचने की एक वजह एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताई। उसके मुताबिक समाचार एजेंसी पीटीआई से जब विक्ट्री परेड रद्द करने और स्टेडियम में इकट्ठा होने की जानकारी मिली तो 600-700 लोगों ने गेट तोड़ दिए और एक बार में अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मच गई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है , साथ ही घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं।

कैमरे पर रो पड़े उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार

भगदड़ में मारे गए लोगों का जिक्र करते समय कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मीडिया को संबोधित करते हुए कैमरे पर रो पड़े। भावुक शिवकुमार ने गुरुवार को मीडिया से कहा, 'मैं बच्चों के बारे में चिंतित हूं, मैंने देखा कि वे 15 साल के थे। मैंने अपनी आंखों से कम से कम 10 लोगों को मरते हुए देखा है। कोई भी परिवार इस घटना को भूला नहीं सकता।'


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