कौन हैं सिंधू? जो बनीं दक्षिण भारत की पहली ट्रांसजेंडर रेलवे टिकट इंस्पेक्टर
दक्षिण भारत की पहली ट्रांसजेंडर रेलवे टिकट इंस्पेक्टर सिंधु
Who Is Sindhu In Hindi: दक्षिण भारत में रेलवे टिकट निरीक्षक बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर (South India First Transgender Railway Ticket Inspector) कौन हैं? इस सवाल का जवाब शायद आपमें से कई लोगों को नहीं पता होगा। इसका सही जवाब है- सिंधु। सिंधु 19 साल पहले केरल के एर्नाकुलम में रेलवे में शामिल हुईं। इसके बाद उनका तबादला तमिलनाडु के डिंडीगुल में हो गया। पिछले 14 साल से वह वहीं पर काम कर रहीं हैं।
ट्रांसजेंडर्स को सम्मान पाने के लिए करनी चाहिए कड़ी मेहनत
मिली जानकारी के मुताबिक, सिंधु एक दुर्घटना में घायल हो गईं, जिसके बाद उन्हें रेलवे के वाणिज्यिक विभाग में भेज दिया गया। सिंधु का मानना है कि ट्रांसजेंडर को समाज में सम्मानजनक स्थान पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें टिकट निरीक्षक बनने पर गर्व है।
'शिक्षा के माध्यम से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है'
मीडिया से बातचीत में दक्षिण भारत की पहली ट्रांसजेंडर टिकट निरीक्षक ने कहा कि ट्रांसजेंडर को समाज में सम्मानजक हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। मेरा दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा और कड़ी मेहनत के माध्यम से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।
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'मैंने रेलवे टिकट निरीक्षक बनने के लिए कड़ी मेहनत की'
सिंधु ने कहा कि मुझे रेलवे टिकट निरीक्षक बनने पर गर्व है। मैंने इस पद को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मालूम हो कि ट्रांसजेडर्स को समाज अभी भी पूरी तरह स्वीकार नहीं कर पा रहा है। उन्हें बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देकर उनका सम्मान किया है।
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