पूर्व पीएम को याद कर भावुक हुईं सोनिया गांधी, बोलीं- क्रूर तरीके से समाप्त किया गया राजनीतिक करियर
Rajiv Gandhi Birth Anniversary: देशभर में रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 79वीं बर्थ एनिवर्सरी मनाई गई। इस दौरान देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर दिल्ली में नेशनल सद्भावना पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पूर्व पीएम का राजनीतिक करियर बहुत ही कू्रर तरीके से समाप्त किया गया। उन्होंने बहुत ही कम समय में कई उपलब्धियां हासिल कीं। वे देश की विविधता के प्रति बहुत संवेदनशील थे। बहुत ही कम समय में उन्होंने अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं।
पूर्व पीएम और पति राजीव गांधी को याद कर भावुक हुई सोनिया गांधी ने कहा कि उनका पूरा जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था। उन्होंने पंचायत और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए लंबा संघर्ष किया। सोनिया ने आगे कहा कि आज ग्रामीण और शहरी निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं, तो यह केवल पूर्व पीएम की दूरदृष्टि सोच के कारण ही संभव हो पाया।
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खड़गे बोले- प्रचंड बहुमत के बावजूद सबको साथ लेकर चले
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्किार्जुन खड़गे ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी की सफलताओं को छुपाया नही जा सकता। उन्होंने प्रचंड बहुमत के बावजूद सबको (विपक्ष) को साथ लेकर चले। उस दौर में राजीव गांधी ने सूचना,आईटी, टेलीकॉम क्रांति के बारे में समझ लिया था। कंप्यूटर की नींव रखी,आजकल राजीव गांधी के कार्यों को नजरंदाज करने की कोशिश की जाती है लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य को भुलाया नही जा सकता। जिसका लाभ मौजूदा समय में सबको मिल रहा है। आज जीडीपी में इसका बहुत बड़ा हिस्सा है। हमारे देश में मनुस्मृति चलता तो महिला कभी आगे नही बढ़ पाती।
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राजीव के दौर में शुरू हुआ था टीकाकरण
उस दौर में आंध्र प्रदेश में दंगे होने पर राजीव गांधी जी ने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा था। आज मणिपुर मे हुए दंगो पर कोई इस्तीफा नहीं मांगा गया। उस दौर में राजीव गांधी ने 1985 में यूनिवर्सल टीकाकरण की शुरुआत की थी, लेकिन आज ऐसे प्रचार करते है जेसे टीकाकरण उन्होंने ही शुरु किया। राजीव गांधी को अपने विजन को पूरा करने में बहुत कम समय मिलाए फिर भी उन्होंने इतनी लंबी लकीर खींच दी है की कोई वहां तक नही जा पाया।
सबसे कम उम्र के पीएम थे राजीव गांधी
बता दें कि पूर्व प्रधनमंत्री राजीव गांधी अपनी मां और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद राजनीति में आए थे। इसके बाद 1985 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 400 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी। वे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे कम उम्र (40) में प्रधानमंत्री थे। 1991 में लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में लिट्टे ने आत्मघाती हमले में उनकी हत्या करवा दी थी।
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