Sonia Gandhi 79th Birthday: आज कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का जन्मदिन है. वे अपना 79वां जन्मदिन मना रही हैं. भारतीय राजनीति में अपनी खास पहचान बनाने वाली सोनिया गांधी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर चुकी हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस नेताओं समेत तमाम दिग्गजों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने भी सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि सोनिया गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. ईश्वर उन्हें लंबी उम्र और अच्छी सेहत दे.
राजनीति में कैसे हुई सोनिया गांधी की एंट्री?
सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के लुसियाना नामक छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता स्टेफिनो मायानो ने उनका नाम एंटोनिया एडविस अल्बिना मायानो रखा. साल 1968 में राजीव गांधी से शादी के बाद सोनिया भारत आ गईं. राजीव गांधी राजनीति में नहीं आना चाहते थे, इसलिए उन्होंने पायलट बनना बेहतर समझा. लेकिन 1980 में संजय गांधी के देहांत के बाद राजीव गांधी को राजनीति में कदम रखना पड़ा.
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1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला. उन दिनों सोनिया गांधी कला संरक्षण पर काम कर रही थीं. वो राजनीति से दूर रहना चाहती थीं लेकिन 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया को कांग्रेस की बागड़ोर संभालने का प्रस्ताव मिला जिसे उन्होंने शुरुआत में खारिज कर दिया. साल 1998 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस का कार्यभार संभाला. 2004 में सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की और यूपीए की सरकार बनाई. सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के लिए कहा गया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. सोनिया ने डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद की कमान सौंप दी. 2009 में एक बार फिर सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला लेकिन सोनिया ने दूसरी बार भी मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना.
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प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनीं सोनिया गांधी?
गांधी परिवार के करीबी कहे जाने वाले पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी आत्मकथा वन लाइफ इज नॉट इनफ में लिखा कि 17 मई 2004 की दोपहर को जब वो सोनिया गांधी के घर पहुचे तो वो काफी बैचेन लग रहीं थीं. मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी भी वहीं मौजूद थे. उस दौरान राहुल ने कहा कि वो नहीं चाहते कि सोनिया प्रधानमंत्री बने. राहुल गांधी को डर था कि राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की तरह उनकी मां सोनिया गांधी को भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा.
नटवर ने आगे लिखा कि राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को अपने फैसले के लिए 24 घंटे का वक्त दिया. राहुल ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर सोनिया को प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे. सोनिया गांधी की आंखों में आंसू थे. दादी और पिता की हत्या के बाद राहुल और प्रियंका दोनों ही डरे हुए थे. इसलिए बच्चों की खुशी के लिए सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया.
कैसा रहा सोनिया गांधी का राजनीतिक सफर?
सोनिया गांधी 1997 में कलकत्ता पूर्ण सत्र में कांग्रेस पार्टी की सदस्य बनीं थीं. जिसके बाद 1998 में वो पहली बार कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं. जिस वक्त सोनिया ने कांग्रेस की कमान संभाली उस समय पार्टी की हालत खराब थी. कांग्रेस सिर्फ मध्य प्रदेश, ओडिशा और मिजोरम में सत्ता में थी. सोनिया ने जल्द ही राजनीति में अपनी खास पहचान बना ली. लेकिन सोनिया गांधी के लिए ये राह आसान नहीं थी.
साल 1999 में कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके विदेशी मूल होने पर सवाल उठाए. जिसके बाद सोनिया ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना सही समझा लेकिन पार्टी के नेताओं से सोनिया को समर्थन मिला और उनका इस्तीफा नामंजूर हो गया. सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगातार दो बार आम चुनाव जीते. साल 2017 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. फिलहाल सोनिया गांधी राज्यसभा की सांसद है. बढ़ती उम्र और खराब सेहत की वजह से सोनिया गांधी ने ये एलान किया था कि वो 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में पार्टी का मार्गदर्शन करेंगी.
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