Karnataka News: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार एक्शन में आ गई है। सीएम सिद्धारमैया ने पूर्ववर्ती बोम्मई सरकार के समय हुई संविदा भर्तियों को रद्द कर दिया है। इस तरह आतंकी संगठन पीएफआई कार्यकर्ताओं के हाथों मारे गए बीजेपी नेता प्रवीण नेत्तारू की पत्नी की भी नौकरी चली गई। अब इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी का कहना है कि पीएफआई कांग्रेस पोषित संगठन है। हमारी सरकार ने पीएफआई द्वारा मारे गए प्रवीण नेतरू की पत्नी को मैंगलोर के डीसी की नौकरी प्रदान की थी।
29 सितंबर 2022 को जारी हुई थी अधिसूचना
दरअसल, 29 सितंबर 2022 को जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि प्रवीण की पत्नी नूतन कुमारी एम को अनुबंध के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय में 'ग्रुप सी' पद पर नियुक्त किया गया है। उनकी भर्ती की अधिसूचना में दावा किया गया था कि वह बसवराज बोम्मई के मुख्यमंत्री बने रहने तक या उनकी नौकरी से संबंधित कोई नया आदेश जारी होने तक सेवा में रहेंगी। नूतन के अनुरोध पर वह 13 अक्टूबर को मंगलुरु में उपायुक्त कार्यालय में आपदा प्रबंधन विभाग में शामिल हुई थीं।
उपायुक्त ने कहा- प्रार्थना पत्र दें, सरकार करेगी विचार
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के साथ अनुबंध के आधार पर पिछली सरकार की सभी भर्तियों को निलंबित कर दिया गया है। इस हिसाब से नूतन की भी नौकरी चली गई है। उपायुक्त रवि कुमार एम आर ने कहा कि सरकार बदलने पर पिछली सभी अस्थाई नियुक्तियां स्वाभाविक रूप से रद्द हो जाएंगी। यदि नूतन डीसी कार्यालय में आवेदन देती हैं तो सरकार को विचार करने के लिए भेजा जाएगा।
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26 जुलाई 2020 को हुई थी हत्या
दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलारे गांव में 26 जुलाई 2022 को प्रवीण नेत्तारू की हत्या कर दी गई थी। इस प्रकरण में एनआईए थुफैल एमएच, मोहम्मद जाबिर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए के अनुसार, पीएफआई ने अपने कथित दुश्मनों को मारने के लिए हिट स्क्वॉड - सर्विस टीम या किलर स्क्वॉड का गठन किया था। 2047 तक देश में इस्लामी शासन स्थापित करने के एजेंडे के तहत वारदात को अंजाम दिया गया था।
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