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‘शुभांशु शुक्ला के Axiom-4 Mission का गगनयान को होगा फायदा’ जानें क्या बोले भारत के Space Strategist

Axiom-4 Mission Benefit Gaganyaan: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज Axiom-4 Mission के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। भारत के स्पेस स्ट्रैटेजिस्ट पीके घोष ने बताया कि NASA के इस मिशन का भारत के गगनयान मिशन को काफी फायदा होगा। जानिए आखिर कैसे...

Axiom-4 Mission का कैसे होगा गगनयान को फायदा (News24 GFX)
Axiom-4 Mission Benefit Gaganyaan: आज भारत समेत पूरी दुनिया की निगाहें NASA के Axiom-4 Mission लॉन्च पर टिकी हुई हैं, जो आज दोपहर 12.01 बजे लॉन्च होगा। NASA ने इस Axiom-4 Mission के लॉन्च की सारी तैयारी कर ली है। NASA के इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत 4 एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। Axiom-4 Mission कई मायनों में भारत के स्पेस प्रोग्राम के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि NASA का ये मिशन भारत के लिए कितना खास है। भारत के स्पेस स्ट्रैटेजिस्ट पीके घोष ने बताया कि शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 Mission के दौरान लिया गया अनुभव भारत के गगनयान मिशन के लिए काफी मददगार साबित होगा।

गगनयान मिशन की कमान संभालेंगे शुभांशु

NASA के Axiom-4 Mission को लेकर भारत के स्पेस स्ट्रैटेजिस्ट पीके घोष ने कहा कि भारत के लिए आज का दिन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्योंकि बहुत जल्द ही भारत की तरफ से गगनयान मिशन शुरू होने वाला है। उस वक्त ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 Mission के दौरान हासिल किया गया अनुभव काफी मददगार साबित होगा। क्योंकि उस वक्त सिर्फ शुभांशु शुक्ला ही एकमात्र अनुभवी व्यक्ति होंगे। इस दौरान पीके घोष ने यह भी कहा कि शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन की कमान संभालेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए अपना उत्साह जाहिर किया। उन्होंने कहा कि मैं नासा को ऐसे अच्छे अंतरिक्ष यात्री (शुभांशु शुक्ला) का चयन करने के लिए सलाम करना चाहूंगा। यह भी पढ़ें: Axiom-4 के शुभांशु शुक्ला की कामयाबी के पीछे किसका हाथ, जानें क्या बोलीं मां आशा शुक्ला

14 दिनों तक ISS में रहेंगे शुभांशु

उन्होंने कहा कि 1984 के बाद दूसरी बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS में जा रहा है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 14 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहने वाले हैं। वहां वह कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट करेंगे, जिसका वह बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये भारत के लिए एक बड़ी सफलता होगी और वह 14 दिनों के बाद पूरी तरह से अनुभवी होकर वापस लौटेंगे।


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