Shibu Soren Death News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का आज निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में आखिरी सांस ली, जहां पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन काफी भावुक हो गए थे। वे प्रधानमंत्री मोदी के गले लगकर फूट-फूट कर रोए।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें सांत्वना दी और शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के प्रार्थना की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने अस्पताल पहुंचीं। उनके निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य प्रमुख नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया। वहीं झारखंड सरकार ने प्रदेश में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
---विज्ञापन---
ब्रेन स्ट्रोक से शरीर हो गया था पैरालाइज
बता दें कि 'दिशोम गुरु' के नाम से मशहूर 81 वर्षीय शिबू सोरेन पिछले डेढ़ महीने से गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्रेन स्ट्रोक से उनके शरीर का बायां हिस्सा पैरालाइल हो गया था। पिछले एक महीने से वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के डॉक्टर उनका इजाल कर रहे थे। शिबू सोरेन काफी समय से किडनी की बीमारी से भी जूझ रहे थे, जिसके चलते पिछले साल उनकी डायलिसिस हुई थी। उन्हें डायबिटीज थी और हार्ट की बायपास सर्जरी भी हो चुकी थी।
---विज्ञापन---
शिबू सोरेन के निधन की पुष्टि करते हुए उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर दुनिया से चले गए हैं। इसके साथ ही आज मैं शून्य हो गया हूं। बता दें कि शिबू सोरेन ने झारखंड के गठन और आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई में अहम योगदान दिया। वे 3 बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी चुने गए। UPA की सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री भी रहे। वे विवादों में भी रहे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हुई।
कौन हैं शिबू सोरेन?
बता दें कि 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक थे। उन्होंने वर्ष 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी, जिसका मकसद आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाना था। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप 15 नवंबर 2000 को झारखंड बिहार से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बना।
शिबू सोरेन 3 बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे पहली बार साल मार्च 2005 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल केवल 10 दिन का रहा था। दूसरी बार वे अगस्त 2008 में मुख्यमंत्री बने और उनका कार्यकाल जनवरी 2009 तक चला। तीसरी बार वे मई 2010 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने और जनवरी 2011 तक मुख्यमंत्री रहे।
शिबू सोरेन 1980, 1989, 1991, 1996, 2004 और 2014 में दुमका लोकसभा सीट से सांसद रहे। साल 2002 में वे राज्यसभा सदस्य बने। शिबू सोरेन UPA सरकार के कार्यकाल में साल 2004 से 2006 तक केंद्रीय कोयला मंत्री भी रहे। शिबू सोरेन का करियर विवादों से भी घिरा। उन पर 1975 के चिरुडीह नरसंहार और 1994 में सांसद की हत्या के आरोप लगे।
साल 2007 में चिरुडीह मामले में उन्हें बरी कर दिया गया, लेकिन इन विवादों के कारण साल 2010 में उनकी सरकार अल्पमत में आई, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।