राष्ट्राध्यक्षों की मदद करते हैं शेरपा
जानकारों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में किसी देश की ओर शामिल होने वाले प्रतिनिधि को शेरपा कहा जाता है। ये शेरपा सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर अहम विषयों को विस्तार देते हैं। इसमें सबसे अहम यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति के लिए शेरपा सम्मेलन से पहले बातचीत करते हैं। इतना ही नहीं, ये शेरपा ऐसे सम्मेलनों में अपने नेताओं को बातचीत में मदद करते हैं। इनका काम है कि ये अपने राष्ट्राध्यक्षों की मदद करें।G20 Summit के लिए आए विदेशी मेहमानों को IMD ने दी गुड न्यूज, खुश हो जाएंगे दिल्ली-एनसीआर के लोग भी
गाइड की भूमिका निभाते हैं
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कई नेता रह चुके हैं शेरपा
जी-20 और जी08 जैसे सम्मेलनों के आयोजन से महीनों पहले शेरपा की नियुक्ति संबंधित सरकारें करती हैं। ऐसे लोगों/अधिकारियों को शेरपा नियुक्त किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान रखते हों और विषयों के जानकार हो। जहां तक भारत की बात है तो शक्तिकांत दास, सुरेश प्रभु, अरविंद पनगढ़िया और मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी भारत की तरफ से शेरपा रह चुके हैं। ये सभी अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं और आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विषयों की अच्छी और ठोस जानकारी रखते हैं। शक्तिकांत दास वर्तमान में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर हैं, जबकि सुरेश प्रभु केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।---विज्ञापन---