जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के पांच आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई उन आतंकियों के खिलाफ की गई जिन्होंने इस घातक हमले को अंजाम दिया था। इन घरों को बम और बुलडोजर से नष्ट किया गया, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। आइए जानते हैं इस बड़े ऑपरेशन और हमले के बारे में विस्तार से।
आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के पांच सक्रिय आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। अधिकारियों के मुताबिक, सबसे पहले शुक्रवार को आदिल हुसैन ठोकर उर्फ आदिल गोजरी का घर बम लगाकर उड़ाया गया। आदिल 2018 में वैध तरीके से पाकिस्तान गया था और वहां आतंकी ट्रेनिंग लेने के बाद पिछले साल कश्मीर लौटा था। उस पर इस भीषण हमले की साजिश रचने का आरोप है।
त्राल और पुलवामा में दो और आतंकियों के घर गिराए गए
इसके बाद पुलवामा जिले के त्राल इलाके में दो और आतंकियों के घरों को गिरा दिया गया। इनमें आसिफ शेख और आदिल शेख के मकान शामिल थे। आसिफ शेख के घर को बुलडोजर से गिराया गया, जबकि आदिल शेख का मकान भी ध्वस्त कर दिया गया। दोनों पर पहलगाम हमले में शामिल होने का संदेह है। पुलवामा के मुर्रन इलाके में रहने वाले एहसान अहमद शेख का दो मंजिला मकान भी विस्फोटकों से उड़ाया गया। एहसान ने पिछले साल जून में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया था।
शोपियां और कुलगाम में भी आतंकियों के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई
शोपियां जिले के चोटीपोरा क्षेत्र में शाहिद अहमद का घर भी सुरक्षा बलों ने बम से उड़ाया। शाहिद ने दो साल पहले लश्कर-ए-तैयबा का दामन थामा था। इसी तरह कुलगाम जिले के किमोह गांव में जाकिर गनी के घर को भी ध्वस्त किया गया। जाकिर ने 2023 में आतंकी संगठन से जुड़कर अपनी गतिविधियां शुरू की थीं। इस तरह पिछले दो दिनों में कुल पांच आतंकियों के घरों को एक के बाद एक कार्रवाई में नष्ट कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए की गई है।
बैसरन में हुआ था भीषण हमला
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहल्गाम के पास बसे बैसरन घास के मैदान में पांच से छह आतंकियों ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। बैसरन को 'मिनी स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है और वहां केवल पैदल या घोड़े के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। आतंकियों ने जंगलों से निकलकर पिकनिक मना रहे और खाने के स्टॉल्स पर मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में दो विदेशी नागरिकों समेत 26 लोगों की जान चली गई। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों का सबसे बड़ा नागरिकों पर हमला बताया है।