आसाराम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का गुजरात सरकार को नोटिस
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की 80 साल से अधिक उम्र और उनकी बिगड़ती सेहत के आधार पर जमानत की मांग वाली याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने इस मामले में गुजरात सरकार से 7 सिंतबर तक जवाब मांगा है।
जमानत याचिका में आसाराम ने अपनी बढ़ती उम्र और बीमारियों का हवाला दिया है। आसाराम की ओर से कहा गया है कि वह पिछले 9 सालों से जेल में बंद है और कई बीमारियों से ग्रस्त है। बता दें कि अब तक आसाराम ने 10 से अधिक बार जमानत याचिका दायर की है जिसे खारिज किया जा चुका है।
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आजीवन कारावास की सजा काट रहा है आसाराम
बता दें कि दुष्कर्म मामले में आसाराम ने जमानत के लिए पहले गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसे 10 दिसंबर 2021 को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी। 2018 में आसाराम को राजस्थान की एक विशेष अदालत ने अपने आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सूरत की दो बहनों ने आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ लगाया था आरोप
अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में आसाराम के आश्रम में 1997 से 2006 के बीच रहने वाली सूरत की दो बहनों ने उनके और नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर बलात्कार और अवैध रूप से बंधक बनाने का आरोप लगाया गया था।
नारायण साईं को भी सुनाई गई है आजीवन कारावास की सजा
26 अप्रैल, 2019 को सूरत की एक अदालत ने नारायण साई को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-बी (साजिश) के तहत दोषी ठहराया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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