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Sabse Bada Sawal, 28 March 2023: जुबान संभाल के… राजनीति का स्तर गिर रहा है! देखिए बड़ी बहस

Sabse Bada Sawal, 28 March 2023: नमस्कार… मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़े सवाल में बात करूंगा देश की सबसे पंचायत संसद की। अपमान की और मौजूदा राजनीति के स्तर की। जो दुर्भाग्यवश लगातार गिरता जा रहा है। जुबान फिसल रही है और राजनीति का स्तर भी फिसलता जा रहा है। ये बात मैं क्यों […]

Sabse Bada Sawal, 28 March 2023: नमस्कार... मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़े सवाल में बात करूंगा देश की सबसे पंचायत संसद की। अपमान की और मौजूदा राजनीति के स्तर की। जो दुर्भाग्यवश लगातार गिरता जा रहा है। जुबान फिसल रही है और राजनीति का स्तर भी फिसलता जा रहा है। ये बात मैं क्यों कह रहा हूं? दरअसल, 13 मार्च को संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ। रोज दर रोज वह हंगामे की भेंट चढ़ जाता है। हमारी संसद की कार्यवाही रोज छह घंटे चलती है। 9 करोड़ रुपए रोज खर्च होते हैं। यानी डेढ़ करोड़ रुपए हर घंटे। राज्यसभा को एक दिन चलाने के लिए साढ़े 5 करोड़ रुपए लगते हैं। यह पैसे मेरे और आपके हैं। हम नेताओं को चुनकर इसलिए भेजते हैं कि वे हमारे सरोकारों, हमारे मुद्दों, हमारी परेशानियों पर चर्चा करेंगे। लेकिन चर्चाहोने का नाम नहीं ले रही है। ये बजट सत्र है। सरकार ने बजट पेश किया। बजट के प्राविधानों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए थी। लेकिन नहीं हो रही है।

इसकी एक बानगी देखिए...

एक मार्च को 17 मिनट, दो मार्च को 10 मिनट, तीन मार्च को 11 मिनट, चार मार्च को 3.30 मिनट, पांच मार्च को 21 मिनट.....और 28 मार्च तक कुल 3 घंटे 21 मिनट और 30 सेकेंड लोकसभा की कार्यवाही चली है।

क्या आपका और मेरा और देश का अपमान नहीं हो रहा?

क्या ये आपका मेरा और देश का अपमान नहीं हो रहा है। नेताओं को सांसद बनाकर भेजा किसके लिए है? हंगामा काटने के लिए नहीं भेजा गया है। हमारी जिंदगी को और बेहतर करने के लिए भेजा गया है। लेकिन अजब सूरते हाल है। ये जनता के अपमान के तौर पर देखा ही नहीं जा रहा है। लेकिन खास बात ये है कि संसद अपमान के मामले पर ही नहीं चल रही है। हर कोई अपमानित महसूस कर रहा है। सिलसिला शुरू हुआ था सात समंदर पार। राहुल गांधी ने मौजूदा लोकतंत्र पर चिंता व्यक्त की थी। लेकिन कहा गया कि अपमान किया गया। माफी मांगो। राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया गया। अब तो राहुल गांधी बोल भी नहीं पाएंगे। उन्हें मोदी सरनेम वाले बयान के लिए सजा हुई, फिर सांसदी गई और अब बंगला भी गया। अब तो मोदी सरनेम वाले बयान को पिछड़ी जाति से भी जोड़ दिया गया है। मोदी तो पिछड़ी जाति से हैं। राहुल ने उनका अपमान किया। आरोप लगाया गया कि ये मानसिकता ही कांग्रेस की है। ये राजशाही लोग हैं। गरीब गुरबों की यही इज्जत है इनके दिमाग में है। इन आरोप-प्रत्यारोप में अपनी सहूलियत से तथ्य तोड़े मरोड़े जाते हैं। ललित मोदी, नीरव मोदी किस पिछड़ी जाति के हैं।

अब स्मृति ईरानी के अपमान का आरोप

फिर सावरकर का मुद्दा जुड़ गया। महाराष्ट्र में घमासान मच गया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सावरकर तो हमारे आदर्श हैं। आज अपमान को लेकर एक और शब्दों को लेकर जंग छिड़ गई। श्रीनिवास बीवी ने महंगाई डाउन को लेकर स्मृति ईरानी पर निशाना साधा और कहा कि कभी महंगाई डायन थी अब उसे डार्लिंग बनाकर बेडरूम में रख लिया गया है। भाजपा ने कहा कि ये तो स्मृति ईरानी का अपमान है। सोनिया और राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया गया। तो बड़ा सवाल यही है कि संसद में घमासान...जनता का अपमान? जुबान संभाल के राजनीति का स्तर गिर रहा है! देखिए पांच पैनलिस्ट की बड़ी बहस... यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi’s Disqualification: राहुल गांधी की अयोग्यता पर असम विधानसभा में हंगामा, 3 विधायक निलंबित


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