Sabse Bada Sawal: क्या अमृतकाल में केंद्र सरकार ने अघोषित इमरजेंसी लगाई? जानें हकीकत
Sabse Bada Sawal
Sabse Bada Sawal, 26 June 2023: नमस्कार मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं आपातकाल की। ऐसा समय जब आपके मौलिक हक सरकार छीन लेती है। इमरजेंसी लगाने के लिए संविधान में बकायदा प्रावधान हैं। पहला अनुच्छेद 352 यानी राष्ट्रीय इमरजेंसी। दूसरा अनुच्छेद 356 यानी राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। इसे स्टेट इमरजेंसी भी कहा जाता है। अनुच्छेद 360 मतलब इकॉनमी इमरजेंसी।
मगर आज चर्चा क्यों? क्योंकि पिछले तीन दिन से इमरजेंसी पर वार-पलटवार हो रहे हैं। इसकी शुरुआत 23 जून से हुई। उस दिन बिहार के पटना में विपक्ष के दल नीतीश कुमार की अगुवाई में मिले। लेकिन बीजेपी ने इस पर तंज कसा। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की। उन्होंने कहा कि सभी नेता एक दूसरे से गलबहियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बचपन के दिन याद आ गए।
दरअसल, 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दी थी। उस वक्त के राष्ट्रपति एक रबर स्टैंप की तरह काम कर रहे थे। वो काला दौर था। कि आप लोगों को जेल में डाला। आप इनके साथ खड़े हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा। ये इमरजेंसी एक साल चली थी। उस वक्त विरोध का कोई सुर सुनने को तैयार नहीं थी।
पीएम मोदी ने अमेरिका जाने से पहले मन की बात कार्यक्रम में इमरजेंसी का जिक्र किया। कहा कि यह वही दिन है जब देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। ये देश के लिए काला दिन है। जेडीयू के अध्यक्ष लल्लन सिंह ने पलटवार किया। कहा कि उस समय हम तानाशाही के खिलाफ लड़ रहे थे। किसी भी व्यक्ति के खिलाफ नहीं थे। आज भी तानाशाही के खिलाफ लड़ रहे हैं। तो आज सबसे बड़ा सवाल है कि क्या अमृतकाल में आपातकाल पर सियासत या मजबूरी? घोषित इमरजेंसी Vs अघोषित इमरजेंसी? देखिए बड़ी बहस...
यह भी पढ़ें: अगर जनता को अपने बेटे-बेटी, पोते-पोती, परिवार का भला करना है तो, मुलायम से लेकर लालू परिवार पर बरसे PM मोदी
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.