Sabse Bada Sawal, 02 April 2023: पेंशन बढ़ाएगी यूपी में टेंशन, 24 की मजबूरी…पुर्नविचार जरूरी? देखिए बड़ी बहस
Sabse Bada Sawal, 02 April 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज मैं सबसे बड़ा सवाल में बात करूंगा कर्मचारी के सुरक्षा कवच की। जब वो रिटायर हो जाता है उसके बाद भी जिंदगी होती है न? खर्चे होते हैं। उसीलिए पेंशन जरूरी होती है। पेंशन को लेकर अब एक साल होने को आए हैं, पेंशन की टेंशन बढ़ती दिखाई दे रही है। पांच राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है।
नई पेंशन योजना 2004 में लागू हुई थी, तब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की थी। लेकिन सही मायने में धरातल पर इसे उतारा मनमोहन सिंह की यूपीए की सरकार ने। अब पुरानी पेंशन का राग अलापा जा रहा है। उसके फायदे गिनवाए जा रहे हैं। कौन नहीं चाहता है कि आधी तख्वाह उसे पेंशन के तौर पर मिले। यह एक बड़ा सुरक्षा कवच है। नई पेंशन में पता ही नहीं होता है कि कितना मिलेगा?
भाजपा शासित राज्यों से उठ रही मांग
पांच राज्यों में तीन कांग्रेस शासित राज्य हैं। छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश। पंजाब और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना बहाल हो गई है। एक अप्रैल से हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी गई है। लेकिन अब चर्चा क्यों? क्योंकि अब पुरानी पेंशन योजना की मांग यूपी पहुंच गई है। कहते हैं कि दिल्ली की रास्ता लखनऊ से होकर गुजरता है। लखनऊ में एक अटेवा संगठन है। और भी कई संगठन हैं, वो काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करते आए।
यूपी में 14 लाख कर्मचारी मांग पर अड़े
यूपी में 14 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी विकल्प तलाशे जा रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वे पुरानी पेंशन के मुद्दे पर निगेटिव नहीं हैं। हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की पार्टी विरोध प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के समर्थन में हैं। कर्नाटक में एक भाजपा विधायक ने भी मांग रखी है। लेकिन वित्त मंत्री कह चुकी हैं, एनपीएस राज्य कर्मचारी और ट्रस्ट के बीच समझौता है। हम पैसे नहीं देंगे। वित्त आयोग ने भी साफ कर दिया है कि पैसे नहीं दे पाएंगे। ओपीएस का भार आम आदमी पर पड़ेगा।
क्या कर्मचारियों की नाराजगी भारी पड़ेगी?
लेकिन कहानी में यहां भी ट्विस्ट आ गया। 24 मार्च को वित्त विधेयक पास हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह रही थीं कि ओपीएस लागू हो नहीं सकता। अब उन्होंने वित्त सचिव की अगुवाई में एक कमेटी का गठन कर दिया। अभी तक तमाम नकारात्मक पहलू ओपीएस की गिनवाने के लिए बात कर रही थीं, उन्होंने रिव्यू के लिए कमेटी बना दी है। तो क्या कान इधर से नहीं घुमाकर पकड़ा जाएगा? क्या कर्मचारियों की नाराजगी भारी पड़ सकती है? क्या कर्मचारियों को राहत मिल सकती है? क्या और राज्यों में दबाव बनेगा? छह राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उसे भी संज्ञान में लिया जा रहा है? आज का सबसे बड़ा सवाल पेंशन बढ़ाएगी यूपी में टेंशन? देखिए बड़ी बहस...
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