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RSS में शामिल हो सकते हैं मुसलमान! मगर शर्तें लागू…मोहन भागवत का बड़ा बयान

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिमों की एंट्री पर चुप्पी तोड़ी है। वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि मुस्लिम भी RSS का हिस्सा बन सकते हैं, मगर उन्हें कुछ शर्तें माननी होंगी।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की गिनती कट्टर हिन्दूवादी संगठनों की जाती है। कई संगठन तो यहां तक दावा करते हैं कि RSS मुस्लिम विरोधी है। हालांकि अब RSS के द्वार मुस्लिमों के लिए भी खुल गए हैं। मुस्लिम अगर चाहें तो वो RSS का हिस्सा बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ शर्तों पर खरा उतरने की जरूरत है। यह शर्तें खुद RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने रखी हैं।

वाराणसी में दिया बयान

दरअसल RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत वाराणसी के 4 दिवसीय दौरे पर हैं। बीते दिन उन्होंने लाजपत नगर के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनका बयान रातों-रात चर्चा में आ गया। संघ प्रमुख का कहना है कि मुसलमान RSS ज्वॉइन कर सकते हैं मगर इसके लिए उन्हें कुछ शर्तें माननी होंगी। यह भी पढ़ें- संभल पुलिस चौकी का नाम क्यों पड़ा ‘सत्यव्रत’? गीता का कौन सा श्लोक लिखा?

2 शर्तें रखीं

मुसलमानों को RSS का हिस्सा बनने के लिए मोहन भागवत ने 2 बड़ी शर्तें रखी हैं। पहला उन्हें भारत माता की जय के नारे लगाने होंगे और दूसरा उन्हें भगवा झंडे का सम्मान करना होगा। दोनों शर्तों पर खरा उतरने वाले ही RSS में शामिल हो सकेंगे। संघ की शाखा में सभी का स्वागत है, बस उन लोगों को छोड़कर जो खुद को औरंगजेब का वंशज मानते हैं।

क्या बोले मोहन भागवत?

संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि RSS की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। भारत के सभी संप्रदायों, समुदायों और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है, सिवाय उन लोगों के जो खुद को औरंगजेब के वंशज मानते हैं। उन्होंने कहा कि पंथ, जाति और संप्रदाय की पूजा पद्धतिां अलग-अलग हो सकती हैं, मगर संस्कृति एक ही है। यह भी पढ़ें- वक्फ बिल में हुए 10 बड़े बदलाव क्या? जानें मुस्लिमों की जिंदगी पर क्या असर


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