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Success Story : किताबें बेचीं, दूध बांटा, झुग्गी-झोपड़ी में बीता बचपन; कौन हैं रिजवान साजन, जिनके कई देशों में बिजनेस

Success Story : आज एक ऐसे भारतीय बिजनेसमैन की बात करेंगे, जिसका बचपन झुग्गी-झोपड़ी में बीता। परिवार पालने के लिए सड़कों पर किताबें बेचीं और दूध बांटी। आज उनका कई दिशों में कारोबार है। आइए जानते हैं कि कौन हैं रिजवान साजन?

कौन हैं रिजवान साजन?
Success Story : आज हम आपको ऐसे व्यक्ति से मिलाते हैं, जिनका जन्म मायानगरी की झुग्गी-बस्ती में हुआ था, लेकिन दुबई में आज उनकी गिनती अमीर भारतीयों में होती है। उन्होंने कठिन परिश्रम और अटूट संकल्प के बल पर गरीबी से लेकर अमीरी तक का सफर तय किया। उस व्यक्ति का नाम है रिजवान साजन। आज उनकी सक्सेस स्टोरी लोगों प्रेरणा देती है। आइए जानते हैं कि कौन हैं रिजवान साजन? किसी ने ऐसा नहीं सोचा था कि मुंबई की झुग्गियों में रहने वाला एक लड़का न सिर्फ देश में, बल्कि विदेश में भी सफलता की ऊंचाइयों को छूएगा। मुंबई के घाटकोपर में रहने वाले रिजवान साजन का शुरुआती जीवन काफी संघर्षमय रहा। उनका परिवार बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा कर पाता था और वे लोग चॉल में रहते थे। उनके पास अपना प्राइवेट टॉयलेट तक नहीं था। एक दिन उनके पिता को सब्सिडी वाली लॉटरी में एक घर मिला, तब जाकर रिजवान को पता चला कि अपना घर क्या होता है? यह भी पढ़ें : Success Story: माइक्रोसॉफ्ट ने बिल गेट्स को कैसे बनाया दुनिया का सबसे अमीर आदमी? 16 साल की उम्र में पिता की मौत जब रिजवान साजन की उम्र 16 साल थी, तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था, जिसके चलते उन्हें मजबूरी में स्कूल छोड़ना पड़ा। 3 भाई-बहनों में सबसे बड़े रिजवान के कंधों पर परिवार का बोझ आ गया। रिजवान ने अपने परिवार का पेट पालने के लिए शुरुआत में स्कूल की किताबें बेचीं। बाद में उन्होंने दूध बांटा और त्योहारों के सामान बेचने का काम किया। कुवैत में नौकरी भी की रिजवान साजन ने फिर अपने पिता के बचत पैसों से एक छोटा सा मॉडल बॉक्स फाइल मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस शुरू किया। हालांकि शुरू में उनका बिजनेस सफल रहा, लेकिन यह उनके परिवार को गरीबी से उबारने के लिए पर्याप्त नहीं था। संघर्ष भरे जीवन के बीच रिजवान के चाचा ने उन्हें कुवैत में नौकरी दिलाई, जहां से उनकी किस्मत चमक गई और उन्होंने लग्जरी कार और फ्लैट खरीदा एवं अपनी बहन की शादी की। इस बीच उनके जीवन में फिर उतार-चढ़ाव आया और 1990 में खाड़ी युद्ध की वजह से उन्हें मुंबई आना पड़ा। यह भी पढ़ें : UPSC Success Story: 5 बार हुए फेल तो लोगों ने सुनाए ताने; हिम्मत जुटाकर की आखिरी कोशिश और बन गए टॉपर 1993 में रिजवान साजन ने दुबई में शुरू किया था बिजनेस रिजवान साजन फिर 1993 में दुबई चले गए, जहां उन्होंने एक ट्रेडिंग फर्म की स्थापना की। फिर वे बिजनेस की ओर तेजी से बढ़ने लगे। इसके बाद उन्होंने साल 2008 में डेन्यूब ग्रुप के नाम से नई कंपनी डाली और उनका कारोबार तेजी से बढ़ता गया। इस ग्रुप का मुख्य काम निर्माण सामग्री की सप्लाई करना है, जिसमें सीमेंट, बजरी, रेत, स्टील और लकड़ी शामिल हैं। रिजवान साजन ने साल 2014 में रियल एस्टेट में कदम रखा। निर्मित इमारतों की सामग्री, रियल एस्टेट डेवलपमेंट और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में रिजवान का डेन्यूब ग्रुप शामिल है, जोकि यूएई, ओमान, कतर, बहरीन, सऊदी अरब और भारत में बिजनेस करता है।


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