TrendingMaha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025Ranji TrophyUP Diwas 2025Republic Day 2025IPL 2025

---विज्ञापन---

Ramcharitmanas Row: VHP ने कहा- SP और RJD की मान्यता रद्द हो, EC से मिलने के लिए मांगा समय

Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस पर उठा विवाद थम नहीं रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए देश के मुख्य चुनाव आयुक्त से मांग की है। VHP उन्होंने मुलाकात के लिए समय भी मांगा है। VHP ने गुरुवार को कहा, चुनाव आयोग को […]

विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने EC को लेटर लिखा है।
Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस पर उठा विवाद थम नहीं रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए देश के मुख्य चुनाव आयुक्त से मांग की है। VHP उन्होंने मुलाकात के लिए समय भी मांगा है। VHP ने गुरुवार को कहा, चुनाव आयोग को सपा और राजद की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए। क्योंकि इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की और लोगों की भावना को ठेस पहुंचाया है। बावजूद इसके दोनों दलों के प्रमुख ने विवादित बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यह EC की उन शर्तों का उल्लंघन है, जिस पर उनके दल को मान्यता मिली थी।

अखिलेश ने एक्शन के बजाय प्रमोशन कर दिया

VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आरोप लगाया, 'सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों रामचरितमानस का अपमान किया और इसके पन्ने जलाए। इससे देश के एक बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। स्वामी प्रसाद ने यह सबकुछ जानबूझकर किया है।' कुमार ने दावा किया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर लगाम लगाने के बजाय उन्हें सपा का महासचिव बना दिया। इससे साबित होता है कि स्वामी प्रसाद के बयान को उनकी पार्टी का समर्थन मिला हुआ है। आलोक कुमार ने आगे कहा, 'इसी तरह, राजद नेता चंद्रशेखर ने भी रामचरितमानस और अन्य पवित्र ग्रंथों की जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण आलोचना की। इससे हिंदू समाज में आक्रोश पैदा हुआ और अविश्वास पैदा हुआ।' उन्होंने दावा किया कि राजद ने चंद्रशेखर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। यह भी पढ़ें: बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान, कहा-रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ

इस अधिनियम का दिया हवाला

कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, 'जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत हर एक दल को अपने हलफनामे में यह देना होता है कि वह धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों सहित सच्ची आस्था और निष्ठा रखेगी। लेकिन सपा और राजद दोनों ने उन बुनियादी शर्तों का उल्लंघन किया है, जिन पर पार्टियों का पंजीकरण किया गया था।

बिहार में उठे विवाद की आंच यूपी तक पहुंची

दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जनवरी के दूसरे हफ्ते में मनुस्मृति और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों को नफरत फैलाने वाला बताया था। उन्होंने कहा था, 'मनुस्मृति में एक बड़ा तबका जिसमें 85 फीसदी लोग हैं, उन्हें अनेकों गालियां दी गई हैं।' इसी तरह रामचरितमानस को लेकर कहा कि इसमें कहा गया है कि नीची जाति के लोग शिक्षा हासिल करने के बाद जहरीले हो जाते हैं। जैसे सांप को दूध पिलाने के बाद होता है। उनके इस बयान के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। विवाद की आंच यूपी तक पहुंची थी। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को आरोप लगाया कि "रामचरितमानस" के कुछ हिस्से जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का अपमान करते हैं। इस पर प्रतिबंधित लगाया जाना चाहिए।

स्वामी प्रसाद के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज

स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के खिलाफ लखनऊ में शिकायत की गई। 24 जनवरी को सपा नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा नामक एक समूह ने बीते रविवार को रामचरितमानस के कुछ पन्नों की फोटोकॉपी भी जलाई। यूपी पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने रविवार की घटना के संबंध में प्राथमिकी में मौर्य सहित 10 लोगों को नामजद किया है। यह भी पढ़ें: Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों पर मुकदमा दर्ज, स्वामी प्रसाद मौर्य का भी नाम शामिल


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.