Jagadguru Rambhadracharya on Shankaracharyas Opposing Ram Mandir Pran Pratishtha : अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होना है। लेकिन इससे ठीक पहले चारों शंकराचार्यों ने इसे गलत बताते हुए इसका विरोध किया है। इसके पीछे उन्होंने शास्त्रीय परंपरा का कारण दिया है। लेकिन, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने शंकराचार्यों के विरोध को गलत बताया है।
शुक्रवार को रामभद्राचार्य ने न्यूज24 के साथ विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों का विरोध गलत है। उन्हें अब ऐसा नहीं करना चाहिए। जब राम मंदिर को लेकर संघर्ष हो रहा था तब भी वह हमारे साथ नहीं आए थे। तब हम लोगों ने डंडे खाए थे। अब समय भी सही है, कोई अशास्त्रीयता या अपवित्रता भी नहीं है। ऐसे में शंकराचार्यों को इसका विरोध तो नहीं करना चाहिए।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्राण प्रतिष्ठा के समय को लेकर कहा कि अभी माघ महीना चल रहा है। राम जी सूर्य वंश के हैं। चंद्रमा की कोई मान्यता नहीं है। पुनर्वसु नक्षत्र है। सभी योग, नक्षत्र, वार, गृह, तिथि अनुकूल हैं। इससे बड़ी शास्त्रीयता और क्या होनी चाहिए? रामलला सही समय पर गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं। उनके बाल स्वरूप की प्रतिमा वहां पर स्थापित की जाएगी। इसमें कोई गलती नजर नहीं आ रही है।
बता दें कि चारों शंकराचार्यों ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार किया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सवाल किया है कि अगर प्राण प्रतिष्ठा नई मूर्ति में की जाएगी तो फिर पुरानी मूर्ति का क्या किया जाएगा। वह यह भी कह चुके हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है ऐसे में वहां प्राण प्रतिष्ठा करना शास्त्रीय रूप से गलत होगा।
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