अयोध्या उदासीन थी, इसकी ‘श्री’ चली गई थी… क्यों कही अयोध्या के ‘राजा’ ने यह बात
राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
Bimlendra Mohan Pratap Mishra on ram mandir: अयोध्या शाही परिवार के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने कहा कि 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवनकाल में प्रभु राम की 'प्राण प्रतिष्ठा' का गवाह बनूंगा। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि अयोध्या अभी तक अयोध्या उदासीन थी, क्योंकि इसकी 'श्री' (लक्ष्मी) चली गई थी। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि लंका से लौटने के बाद माता सीता की पवित्रता पर लोगों ने सवाल उठाए गए थे। जिसके बाद माता सीता ने अयोध्या को श्राप दिया था की यहां कोई खुश नहीं रहेगा। इसके बाद वह यहां से चली गईं थीं।
अभिशाप अब हट गया है, पहले तो अयोध्या नीरस हो गई थी
बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने कहा कि सीता जी के जाने के बाद अयोध्या में कोई भी खुश नहीं था। अब श्री राम मंदिर बनने पर यहां फिर रौनक और खुशहाली लौटी है। जानकारी के अनुसार बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के परिवार ने 19वीं सदी में अयोध्या में शासन किया था। स्थानीय लोग उन्हें 'पप्पू राजा' और 'पप्पू भैया' कहकर बुलाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि अभिशाप अब हट गया है। अयोध्या जो पहले नीरस हो गई थी, इसकी सारी महिमा फीकी पड़ गई थी। अब श्री राम मंदिर निर्माण से वह वापस लौट आई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धार्मिक और पर्यटन स्थलों के मामले में दुनिया के सबसे महान स्थानों में से एक बनने की राह पर है।
साल 2019 में बसपा की टिकट पर लड़ा था लोकसभा का चुनाव
बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी हैं। जानकारी के अनुसार साल 2019 में उन्होंने बसपा की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यहां सुरक्षा के कड़ी इंतजाम हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 8000 से अधिक विशिष्ट अतिथि हिस्सा लेंगे।
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