MBA किया, MNC की नौकरी छोड़ मूर्तिकार बने, कौन हैं Arun Yogiraj, जिन्होंने रामलला की मूर्ति बनाई
Ram Lala Statue
Who Is Arun Yogiraj Sculpted Ram Lala Statue: अयोध्या का राम मंदिर उद्घाटन के लिए तैयार है। उसमें विराजमान होने वाले रामलला भी तैयार हैं। उनकी भव्य मूर्ति बनकर तैयार हो चुकी है। 3 मूर्तिकारों की मूर्तियों में से एक का सेलेक्शन किया गया है। रविवार को राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में मूर्ति पर फैसला लेकर सुरक्षित रख लिया गया और सोमवार को घोषणा की गई कि मैसूर (कर्नाटक) के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति राम मंदिर में लगेगी। यह 51 इंच, करीब 8 फीट लंबी प्रतिमा है, जिसमें रामलला बाल स्वरूप में नजर आएंगे। रामलला राम मंदिर में कमल के फूल पर विराजेंगे। कर्नाटक के नीले पत्थरों से इस प्रतिमा को तैयार किया गया है। आइए जानते हैं उस शख्स के बारे में जिसने यह मूर्ति बनाई है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके तारीफ
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए बताया कि रामलला की मूर्ति बनाने वाले 37 वर्षीय अरुण योगीराज कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं। अरुण ने 2008 से कर्नाटक के मैसूर विश्वविद्यालय से MBA किया और MNC में नौकरी ली, लेकिन उनके दादा की भविष्यवाणी सच साबित हुई। अचानक अरुण ने नौकरी छोड़ दी और अपना पुश्तैनी काम संभाल लिया। नतीजतन आज अरुण देश के मशहूर मूर्तिकार हैं। उनके पिता और दादा वाडियार घराने के महलों को तराश चुके हैं। अरुण अब से पहले सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट ऊंची प्रतिमा बना चुके हैं, जो इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति स्थल के पीछे भव्य छतरी के नीचे लगी है। इसके अलावा अरुण ने केदारनाथ में लगी आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा भी बनाई थी।
अरुण योगीराज को मिले सम्मान-अवार्ड
दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुण योगीराज से मिले थे तो उन्होंने उनके काम की खूब तारीफ की थी। अरुण योगराज को मैसूर जिला प्रशासन ने नलवाड़ी अवार्ड 2020 से नवाजा था। 2021 से वे द क्राफ्ट्स काउंसिल ऑफ कर्नाटक के मेंबर हैं। 2014 में उन्हें भारत सरकार ने साउथ थोन यंग टैलेंटिड आर्टिस्ट अवार्ड दिया था। स्कल्पचर्स एसोसिएशन द्वारा उन्हें शिल्पा कौस्तुभ अवार्ड दिया गया था। मैसूर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें राज्योत्सव अवार्ड दिया गया था। कनार्टक के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मैसूर स्पोर्ट्स एकेडमी द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया था। अमर शिल्पी जकानाचार्य ट्रस्ट द्वारा भी अरुण को सम्मानित किया जा चुका है। वे स्टेट और नेशनल लेवल पर कई स्कल्पचर्स कैंप जॉइन कर चुके हैं।
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