आध्यात्मिक रिश्तों की डोर मजबूत हुई
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से त्रेतायुगीन आध्यात्मिक रिश्तों की डोर मजबूत हुई है। जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास वैष्णव ने बताया कि पूरे जनकपुर धाम से लोग भार लेकर आ रहे हैं। इन्हें अयोध्या पहुंचाया जाएगा।मेवा, चूड़ा, मखाना और कपड़े से लेकर आभूषण तक शामिल
जानकारी के अनुसार, इस भार में पकवान, तेल-मसाले, मेवा, चूड़ा, मखाना और कपड़े से लेकर आभूषण तक शामिल हैं। जनकपुरधाम के सिमरदही मठ के महंत डॉ. रवींद्र दास वैष्णव ने कहा कि प्रभु राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनाए जाने से नेपाल में गर्व और उत्साह है। त्रेता युग के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया है कि जनकपुरधाम से अयोध्या भार भेजा जा रहा है।20 हजार उपहारों को टोकरी जमा
जनकपुर धाम में लोग स्वेच्छा से "भार "(उपहारों की टोकरी) लेकर आ रहे हैं। वे उस पर अपना नाम लिख कर उसे जमा कर रहे हैं। हर टोकरी पर देने वाले का नाम और उसका मोबाइल नंबर लिखा जा रहा है। अभी तक 20 हजार उपहारों को टोकरी जमा हो गई है। महंत राम रोशन दास के अनुसार इन सभी टोकरियों को ट्रकों में भरकर अयोध्या ले जाया जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार मां जानकी उनकी बेटी भी है और माता भी...ऐसे में वे अपनी बेटी के घर सामान भेज रहे हैं। इसी के साथ नेपाल की नदियों से अभिषेक के लिए जल भी भेजा जा रहा है। ये भी पढ़ें: Ram Mandir Inauguration के लिए 22 जनवरी की तारीख ही क्यों चुनी गई, क्या बन रहा अनोखा संयोग?
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