संसद में हो रही वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि आज इस विषय पर क्यों चर्चा हो रही है. उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि बंगाल चुनाव आने वाले हैं, इसलिए सरकार इस विषय पर चर्चा करवा रही है. प्रियंका गांधी के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के साथ अन्याय हुआ है, उसे जो दर्जा मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया. इसलिए वंदे मातरम् के साथ हुए राजनीतिक छल और अन्याय के बारे में सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए.
प्रियंका गांधी का क्या था सवाल
प्रियंका गांधी ने कहा, "150 सालों से देशवासियों के दिल में यह गीत बस चुका है. 75 सालों से हमारा देश आजाद है. तो फिर आज इस बहस की क्या जरूरत है. हम यह बहस आज दो वजहों से कर रहे हैं, पहला बंगाल का चुनाव आ रहा है. हमारे प्रधानमंत्री उसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं. इसके पीछे दूसरा मकसद है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी, उन पर सरकार नए आरोप लादने का मौका चाहती है. देश का ध्यान ज्वलंत मुद्दों से भटकाना चाहती है. आपका मकसद है कि हम फिर से उसी अतीत में भंडराते रहें, उसी की ओर हम देखते रहें, जो हो चुका है, जो बीत चुका है. यह सरकार वर्तमान और भविष्य की ओर देखना ही नहीं चाहती है. हमारा यहां मकसद क्या है. जनता से हमें दिया गया दायित्व, जनता का विश्वास, उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी, हम किस तरह से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. हमें यह सोचना चाहिए."
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साथ ही कहा, "आज मोदी जी वह प्रधानमंत्री नहीं रहे, जो एक समय में थे. सच यह है कि ये दिखने लगा है. उनका आत्मविश्वास घटने लगा है. उनकी नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं. मेरे सत्तापक्ष के साथी इसलिए चुप हैं क्योंकि अंदर-अंदर वे भी इस बात से सहमत हैं. आज देश के लोग खुश नहीं हैं. तमाम समस्याओं से घिरे हुए हैं. उन समस्याओं का हल आप निकाल नहीं रहे हैं. इनके भी अपने लोग दबी जबान में कहने लगे हैं कि सारी सत्ता को केंद्रित करने से देश का नुकसान हो रहा है. इस बीच हम अतीत की बातें नहीं करेंगे तो कौनसी बाते करेंगे. ये किसी और बात के काबिल ही नहीं हैं. सिर्फ जनता का ध्यान भटकाना है. इसलिए आज हम वंदे मातरम् पर चर्चा कर रहे हैं. वंदे मातरम् देश के कण-कण में जीवित है. इस पर बहस नहीं हो सकती है."
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राजनाथ ने कैसे दिया जवाब
वंदे मातरम् पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा, "यह सच स्वीकार करना होगा, वंदे मातरम् के साथ जो न्याय होना चाहिए था, वो नहीं हुआ. आजाद भारत में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को बराबर का दर्जा देने की बात कही गई थी. एक हमारी राष्ट्रीय चेतना का अभिन्न अंग बन गया, समाज और संस्कृति की मुख्य धारा में जगह पा गया. वह था हमारा राष्ट्रगान. दूसरी ओर हमारे राष्ट्रीय गीत को नजरअंदाज किया गया, खंडित किया गया. जिस धरती पर वंदे मातरम् की रचना हुई थी, उसी धरती पर कांग्रेस ने वंदे मातरम् को खंडित करने का फैसला किया."
साथ ही उन्होंने कहा,"वंदे मातरम् के साथ हुए राजनीतिक छल और अन्याय के बारे में सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए. इसलिए ही इस संबंध में चर्चा हो रही है. क्योंकि अन्याय केवल एक गीत के साथ नहीं था, बल्कि आजाद भारत के लोगों के साथ था. अन्याय उन लोगों के साथ हुआ, जिनकी सांसों में आजादी की हवा और वंदे मातरम् की पुकार में भरी थी. उस पुकार को सीमाओं में बांधने की कोशिश इतिहास का बहुत बड़ा छल था. इसलिए हम ये मानते हैं कि वंदे मातरम् का गौरव लौटाना समय की मांग है और नैतिकता का तकाजा भी है. इस अन्याय के बावजूद वंदे मातरम् का महत्व किसी भी सूरत में भी कम नहीं हो पाया."