लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधा. इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार से भी सवाल किए. राहुल गांधी ने कहा, 'वह चुनाव आयोग के प्रमुख और दूसरे चुनाव कमिश्नरों को चुनने वाले पैनल से भारत के चीफ जस्टिस को हटाने पर इतनी आमादा क्यों है.'
राहुल गांधी ने पूछा, 'CJI को सिलेक्शन पैनल से क्यों हटाया गया? क्या हमें CJI पर भरोसा नहीं है?'
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राहुल गांधी ने कहा कि वह विपक्ष के नेता के तौर पर सिलेक्शन पैनल का हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उनकी कोई आवाज नहीं है क्योंकि उनके पास संख्या कम है, एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी और दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं.
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राहुल गांधी 2023 के उस कानून का जिक्र कर रहे थे जिसने भारत के चीफ जस्टिस (CJI) की जगह एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को तीन सदस्यों वाले सिलेक्शन पैनल में शामिल किया था, जो राष्ट्रपति को नियुक्तियों की सिफारिश करता है, जिसमें प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता बाकी दो सदस्य हैं.
राहुल गांधी ने अगला सवाल पूछा कि 'यह पक्का करने के लिए एक और कानून क्यों पास किया गया कि किसी भी चुनाव कमिश्नर को उनकी आधिकारिक क्षमता में किए गए कामों के लिए सजा न दी जा सके?'
वह चीफ इलेक्शन कमिश्नर और दूसरे इलेक्शन कमिश्नर (अपॉइंटमेंट, सर्विस की शर्तें और टर्म ऑफ़ ऑफिस) एक्ट, 2023 के क्लॉज 16 का जिक्र कर रहे थे, जो पोल बॉडी चीफ और इलेक्शन कमिश्नरों को ऑफिस में रहते हुए लिए गए फैसलों से होने वाली किसी भी कार्रवाई से सुरक्षा देता है.
फिर उन्होंने पूछा कि पोल बॉडी चीफ को कंट्रोल करने का क्या नतीजा होता है, यह दावा करते हुए कि चुनाव की तारीखें प्रधानमंत्री के शेड्यूल के हिसाब से तय की जाती हैं.
राहुल गांधी ने उठाए सरकार पर सवाल
लोकसभा में LoP और कांग्रेस MP राहुल गांधी ने कहा, 'भारत के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. दिसंबर 2023 में इस सरकार ने कानून बदल दिया. उन्होंने यह पक्का करने के लिए कानून बदला कि किसी भी इलेक्शन कमिश्नर को इलेक्शन कमिश्नर रहते हुए किए गए किसी भी काम के लिए सजा न मिले. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इलेक्शन कमिश्नर को यह इम्यूनिटी का तोहफा क्यों देंगे?'
RSS का प्रोजेक्ट देश के इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क पर कब्जा करना- राहुल गांधी
लोकसभा में, LoP और कांग्रेस MP राहुल गांधी ने कहा, 'मैं कह रहा हूं कि भारत के इंस्टीट्यूशन्स पर कब्जा किया जा रहा है, और मैं इस बात पर आऊंगा कि इलेक्शन कमीशन पर कब्जा किया जा रहा है. RSS का प्रोजेक्ट देश के इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क पर कब्जा करना था और मैंने कहा कि एजुकेशन सिस्टम पर कैसे कब्जा किया गया है. वाइस चांसलर के बाद वाइस चांसलर को मेरिट पर नहीं, काबिलियत पर नहीं, साइंटिफिक टेम्पर पर नहीं, बल्कि इस बात पर रखा जाता है कि वह किसी खास ऑर्गनाइजेशन से जुड़ा है.
दूसरा कब्जा, जो डेमोक्रेसी को खत्म करने में मदद करता है, इंटेलिजेंस एजेंसियों पर कब्जा, हमारे यहां होम मिनिस्टर बैठे हैं, CBI, ED, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर कब्जा, और ब्यूरोक्रेट्स को सिस्टमैटिक तरीके से रखना जो उनकी आइडियोलॉजी को सपोर्ट करते हैं और विपक्ष और RSS का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला करते हैं.'