Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच चुके हैं. व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त पुतिन का स्वागत करने के लिए पहले से ही पहुंच चुके थे. पीएम मोदी ने पुतिन का एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद दोनों एक ही गाड़ी में बैठे और PM हाउस के लिए रवाना हुए.
एक गाड़ी में क्यों बैठे मोदी-पुतिन?
जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें देखा जा सकता है कि पहले तो एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन की अगुवाई की और इसके बाद पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति एक ही गाड़ी में बैठ कर निकल गए. वहीं, रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर उनकी सिक्योरिटी काफी टाइट होती है. लेकिन फिर भी पुतिन अपनी गाड़ी को छोड़कर पीएम मोदी की गाड़ी में बैठकर वहां से निकले. ये दिखाता है कि रूसी राष्ट्रपति पीएम मोदी पर कितना भरोसा करते हैं. क्योंकि कहा जाता है कि रूसी राष्ट्रपति इस वक्त कई देशों के लिए नंबर वन टारगेट हैं लेकिन इसके बाद भी पुतिन ने अपनी गाड़ी और अपनी खुद की सिक्योरिटी को छोड़ा और पीएम मोदी के साथ उनकी गाड़ी में बैठे.
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चीन में भी एक कार में बैठे थे पीएम मोदी-पुतिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एयरपोर्ट पर खुद पहुंचकर स्वागत किया और दोनों नेता एक ही कार में सवार होकर रवाना हुए. यह तस्वीरें पिछले साल अगस्त में चीन के शियान में हुए SCO शिखर सम्मेलन की याद दिलाता है, तब भी दोनों नेताओं ने एक साथ कार शेयर की थी.
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रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने बताया कि पुतिन की कार में मोदी का अचानक शामिल होने की जानकारी हमें नहीं थी. रूसी पक्ष को इसकी कोई पूर्व जानकारी नहीं थी और यह मोदी का निजी फैसला था. पुतिन को रिसीव करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी उन्हें सफेद रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर (नंबर MH 01 EN 5795) में बैठे और दोनों नेता बातचीत करते हुए आगे बढ़े.
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राष्ट्रपति पुतिन के दौरे की कुछ अहम बातें
• यह यात्रा भारत–रूस आर्थिक सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. राष्ट्रपति पुतिन बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ आ रहे हैं.
• भारत को रूस के साथ व्यापार घाटा कम होने की उम्मीद है.
• भारतीय निर्यात बढ़ाने के लिए कई नए रास्तों पर काम हो रहा है—दवा उद्योग, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद और समुद्री उत्पाद प्रमुख क्षेत्र होंगे.
• भारतीय व्यवसायों और उत्पादों को रूस में बड़ा बाजार मिलेगा, जिससे रोजगार सृजन और किसानों के लिए बेहतर अवसर बनेंगे.
• कई समझौते और MoUs होने की संभावना— शिपिंग, स्वास्थ्य सेवाएं, उर्वरक, कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा.
• लोगों के बीच संपर्क, मोबिलिटी पार्टनरशिप, संस्कृति और वैज्ञानिक सहयोग में भी वृद्धि देखने को मिलेगी.