पुथांडु नववर्ष समारोह: अलग अंदाज में नजर आए पीएम मोदी, बोले- तमिलों के बिना काशीवासियों का जीवन अधूरा
Prime Minister Narendra Modi
नई दिल्ली: कल 14 अप्रैल से तमिलों का नव वर्ष पुथांडु शुरू हो रहा है। इसकी पूर्व संध्या पर गुरुवार को केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन के दिल्ली आवास पर समारोह आयोजित किया गया। इसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी भी पहुंचे। वे तमिल संस्कृति से जुड़ी वेशभूषा में नजर आए। इस दौरान पुडुचेरी की उपराज्यपाल और तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन भी मौजूद रहीं।
समारोह में पीएम मोदी ने कहा, 'मैं मानता हूं, तमिल लोगों के बिना काशीवासियों का जीवन अधूरा है और मैं काशीवासी हो गया हूं। काशी के बिना तमिल लोगों का जीवन अधूरा है। ये आत्मीयता, जब कोई तमिलनाडु से काशी आता है, तो सहज ही दिखाई देती है।'
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पुथांडु प्राचीनता में नवीनता का पर्व
समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि ये आप सब का प्यार है कि आज आपके बीच मुझे तमिल पुथांडु को मनाने का मौका मिल रहा है। पुथांडु प्राचीनता में नवीनता का पर्व है। इतनी प्राचीन तमिल संस्कृति और हर साल पुथांडु से नई ऊर्जा लेकर आगे बढ़ते रहने की यह परंपरा अद्भूत है।
तमिल लोगों ने हमेशा मुझे ज्यादा प्यार लौटाया
पीएम ने कहा कि जब मैं गुजरात में था और विधायक था तो वहां बहुत बड़ी संख्या में तमिल मूल के लोग रहते थे। वे मेरे मतदाता थे और मुझे एमएलए और मुख्यमंत्री बनाते थे। उनके साथ बिताए हुए पल मुझे हमेशा याद रहते हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि जितना प्यार मैंने तमिलनाडु को किया है। तमिल लोगों ने हमेशा उसे और ज्यादा करके मुझे वापस लौटाया है।
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आजादी के आंदोलन में भी अहम योगदान
पीएम ने कहा कि आजादी के आंदोलन में भी तमिल लोगों का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में भी तमिलनाडु के लोगों की प्रतिभा ने देश को नई ऊंचाई दी है। श्री राजगोपालाचार्य और उनकी फिलॉसफी के बिना क्या आधुनिक भारत की बात पूरी हो सकती है?
श्रीलंका में तमिलों के लिए बनवाए घर
पीएम पुरानी घटना को याद करते हुए कहा कि जाफना जाने वाला मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री था। श्रीलंका में Tamil community के welfare के लिए वहां के लोग लंबे समय से मदद का इंतजार कर रहे थे। हमारी सरकार ने उनके लिए भी कई काम किए, तमिल लोगों को घर बनाकर दिए।
उन्होंने कहा कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। इस पर हर भारतीय को गर्व है। तमिल साहित्य का भी व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है। आजादी के आंदोलन में भी तमिल लोगों का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में भी तमिलनाडु के लोगों की प्रतिभा ने देश को नई ऊंचाई दी है। कानून और शिक्षा के क्षेत्र में तमिल लोगों का योगदान अतुलनीय है। भारत दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र है। तमिल संस्कृति में ऐसा बहुत कुछ है जिसने एक राष्ट्र के रूप में भारत को गढ़ा है, आकार दिया है।
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