Rashtriya Bal Puraskar 2025: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज 26 दिसंबर 2025 को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल वीर पुरस्कारों का वितरण किया. सिखों के 10वें और अंतिम गुरु श्री गोविंद सिंह के 4 बेटों की शहादत के सम्मान में हर साल 26 दिसंबर का दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है और साल 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी.
आज वीर बाल दिवस के मौके पर देशभर के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुने गए करीब 20 बच्चों को बाल पुरस्कार दिया गया. 6 कैटेगरी वीरता, कला संस्कृति, साइंस, पर्यावरण, सामाजिक सेवा और खेल में पुरस्कार दिए गए हैं. वहीं 20 बच्चों में से 2 बच्चों को मरणोपरांत बाल पुरस्कार मिला. जिन 20 बच्चों को बाल पुरस्कार मिला है, उनके 14 साल के क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी भी हैं.
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आइए जानते हैं कि लिस्ट में किस-किस का नाम है और उनकी बहादुरी के किस्से भी पढ़ते हैं.
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1. तमिलनाडु की 8 साल की ब्योमा की जान 6 साल के बच्चे की करंट से जान बचाते हुए चली गई थी. इस बहादुरी के लिए ब्योमा को मरणोपरांत बाल पुरस्कार दिया गया, जो उसकी मां अर्चना शिवरामकृष्णन ने रिसीव किया.
2. बिहार के कैमूर जिला निवासी कमलेश ने दुर्गावती नदी में डूब रहे बच्चे की जान बचाते जान गंवाई थी. इस बहादुरी के लिए कमलेश को बाल पुरस्कार दिया गया है, जो उसके पिता दुखी शाह ने रिसीव किया.
3. बिहार के ताजपुर निवासी 14 साल के वैभव सूर्यवंशी को भी बाल पुस्कार दिया गया है. वैभव ने पाकिस्तानी क्रिकेटर का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास रचा था. अंडर-19 वर्ल्ड-कप, विजय हजारे टूर्नामेंट और U-19 एशिया कप में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें बाल पुरस्कार दिया गया है.
4. केरल के 11 साल के मोहम्मद सिद्दान ने बहादुरी दिखाते हुए करंट से अपने 2 दोस्तों की जान बचाई थी. इस बहादुरी के लिए सिद्दान को बाल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है.
5. उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी 9 साल के अजय राज के पिता को मगरमच्छ ने पकड़ लिया था, लेकिन अजय ने बिना डरे मगरमच्छ को लकड़ी से हमला करके भगाया था और अपने पिता की जान बचाई थी. इस बहादुरी के लिए अजय को बाल पुरस्कार दिया गया.
6. पंजाब के फिरोजपुर निवासी 10 साल के श्रवण ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जवानों को चाय-दूध पिलाकर उनकी सेवा की थी, इसी जिंदादिली के लिए श्रवण को बाल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
7. आंध्र प्रदेश की 17 वर्षीय शिवानी होसरु उप्परा पैरा एथलीट हैं और खेलों में दिव्यांग शिवानी के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें बाल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है.
8. झारखंड की 14 वर्षीय फुटबॉलर अनुष्का को खेल क्षेत्र में शानदान प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 देकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया.
9. गुजरात के सूरत जिले की रहने वाली 7 साल की ग्रैंडमास्टर चेस प्लेयर को वाका लक्ष्मी प्रज्ञिका वर्ल्ड चैम्पियन हैं. फिडे वर्ल्ड स्कूल चेस चैंपियनशिप 2025 में सभी 9 मुकाबले जीतकर लक्ष्मी ने खिताब जीता था. इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए लक्ष्मी को बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
10. छत्तीसगढ़ के कोनागांव निवासी 14 साल की योगिता मंडावी ने बचपन में ही माता-पिता को खो दिया. नक्सली प्रभावित इलाके में रहते हुए भी हिम्मत नहीं हारी और जूडो की नेशनल प्लेयर बनीं. कई नेशनल अवार्ड जीत चुकी योगिता की हिम्मत को पुरस्कृत करने के लिए उन्हें बाल पुरस्कार दिया गया है.
11. पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के 16 वर्षीय सुमन सरकार को 13 साल से तबला वादक हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 43 पुरस्कार जीत चुके हैं. कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगान के लिए उन्हें बाल पुरस्कार दिया गया है.
12. चंडीगढ़ निवासी 17 वर्षीय वंश समाजसेवी हैं. लोगों की सेवा करने के उनके जज्बे को प्रोत्साहित करते हुए ही उन्हें राष्ट्रपति वीरता बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
13. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला निवासी 17 वर्षीय पूजा ने एक ऐसी थ्रेसर मशीन बनाई है, जिससे धूल मिट्टी नहीं उड़ती और यह वायु प्रदूषण को रोकने में कारगर है. इस अनोखे आविष्कार के लिए पूजा को बाल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है.
14. महाराष्ट्र के 17 वर्षीय अर्णव महर्षि ने AI सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन बनाया है, जिसे केंद्र सरकार ने पेटेंट कराया है और इसका कॉपीराइट लिया गया है. इस टैलेंट के लिए अर्णव को साइंस और इनोवेशन कैटेगरी में बाल पुरस्कार दिया गया है.
15. मिजोरम की 9 वर्षीय एस्तेर लालदुहावमी हनामते यूट्यूबर हैं और उनके 20 मिलियन फॉलोअर्स हैं. एक लोहार की बेटी का गाना सुनकर गृह मंत्री अमित शाह इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने उसे तोहफे में गिटार दिया था. कला और संस्कृति के क्षेत्र का बाल पुरस्कार देकर एस्तेर को प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया गया है.
16. असम की रहने वाली ऐशी प्रिषा बोराह ने वेस्ट पेपर से पेंसिल बनाने की एक ऐसी मशीन बनाई है, जिसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं. ग्रेवाटर को रिसायकल करके ग्रांउड वाटर बनाने का सिस्टम भी डेवलप किया. इन दोनों इनोवेशन के लिए ऐशी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 दिया गया है.