‘लोकल के लिए वोकल, फिर ग्लोबल बनें…’, PM मोदी ने विश्वकर्मा भाई-बहनों को दिया ‘ट्रिपल टी’ का मंत्र
PM Narendra Modi
PM Narendra Modi Speech Highlights: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज रविवार को 73वां बर्थडे है। इस खास मौके पर उन्होंने दिल्ली में एक विश्व स्तरीय सम्मेलन सेंटर 'यशोभूमि' का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने लोकल फॉर वोकल में एक और शब्द ग्लोबल जोड़ा। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में कई त्योहार हैं। इसलिए लोग स्थानीय उत्पादों को खरीदें। इससे लोकल उत्पाद ग्लोबल बनेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि क्या छोटी-छोटी जगहों पर बने उत्पाद वैश्विक बाजारों तक नहीं पहुंचना चाहिए? इसके लिए, आपको पहले स्थानीय के लिए मुखर होना होगा, और फिर स्थानीय को वैश्विक बनाना होगा। गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली और कई अन्य त्यौहार आने वाले हैं। इस दौरान स्थानीय उत्पाद खरीदें। उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल अभियान पर खरा उतरना पूरे देश की जिम्मेदारी है।
टेक्नोलॉजी, टूल्स और ट्रेनिंग बहुत जरूरी, जानें 5 बड़ी बातें
भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे: भारत मंडपम हो या यशोभूमि... ये भारत के आतिथ्य, भारत की श्रेष्ठता और भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है।
कॉन्फ्रेंट टूरिज्म को देना होगा बढ़ावा: दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म बढ़ रहा है, जिसमें भारत के लिए असीमित संभावनाएं हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। 32,000 से ज्यादा बड़ी प्रदर्शनियां और एक्सपो लगते हैं। 2-5 करोड़ की आबादी वाले देश भी इसकी व्यवस्था करते हैं, हमारी आबादी 140 करोड़ है। भारत की भागीदारी इस इंडस्ट्री में 1% है। आज का नया भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए खुद को तैयार कर रहा है। भारत मंडपम और यशोभूमि दिल्ली को सम्मेलन पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बनाएंगे।
मिलेगा तीन लाख तक लोन: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार बिना किसी (बैंक) गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ब्याज दर भी बहुत कम हो। सरकार ने फैसला किया है कि 1 लाख रुपये शुरुआत में ऋण दिया जाएगा और जब इसे चुकाया जाएगा, तो सरकार विश्वकर्मा भागीदारों को अतिरिक्त 2 लाख रुपये का ऋण प्रदान करेगी।
सामर्थ्य बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग जरूरी: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक तरह से लोगों को मॉडर्न युग में ले जाने का प्रयास है। समाज को टेक्नोलॉजी, टूल्स और ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। इससे विश्वकर्मा भाई-बहनों का सामर्थ्य बढ़ेगा।
सेवक बनकर आया मोदी: ये हमारी ही सरकार है जिसने आजादी के बाद पहली बार बंजारा और घुमंतू जनजातियों की परवाह की। ये गरीबों का बेटा मोदी सेवक बनकर आया है। ये हमारी ही सरकार है जिसने आजादी के बाद पहली बार दिव्यांगजनों के लिए हर स्तर, हर स्थान पर विशेष सुविधाएं विकसित कीं।
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