International Cheetah Day: प्रधानमंत्री मोदी ने देश और दुनियाभर के वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस की बधाई दी है. उन्होंने अपने X हैंडल पर धरती के सबसे अद्भुत जीवों में से एक चीते की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन लिखे. उन्होंने लिखा कि 3 साल पहले भारत सरकार ने इस शानदार जानवर चीते की सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट चीता शुरू किया था, जो चीते को लेकर खोई हुई भारत की पारिस्थितिक विरासत को पुनर्जीवित करने और हमारी जैव विविधता को मजबूत करने का एक प्रयास था.
पोस्ट में किया कूनो राष्ट्रीय उद्यान का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि भारत को कई चीतों का घर होने पर गर्व है. चीतों की बड़ी संख्या भारत की धरती पर ही जन्म लेती है. इनमें से कई चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य में फल-फूल रहे हैं. चीता टूरिज्म की बढ़ती लोकप्रियता देखकर खुशी होती है. दुनियाभर के वन्यजीव प्रेमियों को भारत आने और चीतों को उनकी पूरी भव्यता के साथ देखने के लिए प्रोत्साहित करता हूं. चीता संरक्षण में भारत की प्रगति केवल लोगों, विशेषकर चीता मित्रों के सहयोग से संभव हुई है. वन्यजीवों की रक्षा और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाना भारतीय आदर्शों और मूल्यों का अभिन्न अंग है.
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भारत में साल 2022 से अब तक 32 चीते हैं
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले स्तनपायी जानवर चीते के सरंक्षण को समर्पित दिवस है. इस मौके पर आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कूनो नेशनल पार्क में आयोजित विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. मुख्यमंत्री पार्क के मादा चीता वीरा और उसके 10-10 महीने के 2 शावकों को बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़ेंगे. बता दें कि भारत में चीते वर्ष 1952 में लुप्त हो गए थे, लेकिन 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीतों को भारत लेकर आए. उन्होंने साल 2022 में प्रोजेक्ट चीता शुरू किया था, जिसके तहत नामीबिया से 8 चीते भारत लाए गए थे.
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चीता प्रोजेक्ट के तहत ही साल 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते भारत लाए गए थे. अब भारत में चीतों का परिवार बढ़ने लगा है और भारत में चीतों की संख्या 32 हो गई है. दुनियाभर में चीते अब सिर्फ अफ्रीका और ईरान में हैं, जहां इनकी आबादी करीब 7000 है.