प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5वीं मुख्य सचिव बैठक की अध्यक्षता करेंगे. दो दिवसीय बैठक 27 और 28 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित होगी. बैठक में शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और रोजगार जैसे अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी. मीटिंग का थीम ‘विकसित भारत के लिए मानव पूंजी’ रखा गया है, यानी लोगों के शिक्षा और कौशल को मजबूत कर देश को कैसे आगे बढ़ाया जाए, ये मेन फोकस एरिया रहेगा.
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बैठक में क्या होगा खास?
वैसे तो इस बैठक का मकसद केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाना है, ताकि देश के विकास से जुड़े मुद्दों पर सभी राज्य और केंद्र मिलकर टीम इंडिया के रूप में चर्चा कर सकें. 5वीं मुख्य सचिव बैठक में प्रारंभिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट , उच्च शिक्षा, खेल और अन्य गतिविधियों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही राज्यों में नियमों को आसान बनाने, सरकारी कामकाज में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर बातचीत होगी. कृषि से जुड़ा एक डिजिटल प्लेटफॉर्म / डिजिटल ढांचा तैयार किया गया है, जिसके जरिए किसानों, फसलों और खेती से जुड़े डाटा को एक जगह जोड़ा जा सके, ताकि योजनाओं का बेहतर लाभ मिले, सप्लाई चेन मजबूत हो और किसानों को सही बाजार मिल सके.
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नक्सली इलाकों पर सरकार का फोकस
इसके अलावा बैठक में पर्यटन विकास, आत्मनिर्भर भारत और नक्सल प्रभावित इलाकों के भविष्य को लेकर भी मंथन होगा. 27 दिसंबर को दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव बैठक में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य सचिवों के साथ स्कूल शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट पर सीधे चर्चा करेंगे. इस बैठक में एक मुख्य विषय उन इलाकों के लिए योजना बनाना भी है , जो पहले नक्सलवाद से प्रभावित रहे हैं और जहां अब हालात सामान्य हो रहे हैं. मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का सरकार ने प्रण लिया है और इस दिशा में लगातार सफलता मिल रही है.
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बैठक में और किन मुद्दों पर चर्चा?
नक्सलवाद मुक्त या इससे बाहर निकल रहे इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार, स्थानीय युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर, प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी को मजबूत करना भी इस बैठक का मकसद है. आदिवासी और दूरदराज इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने जैसे मुद्दे चर्चा के लिए शामिल किए गए हैं ताकि नक्सलवाद से बाहर निकले इलाकों में स्थायी शांति, विकास और भरोसे का माहौल बनाया जा सके.
पीएम और मुख्य सचिवों के साथ होने वाली बैठक में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के अलावा, केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और चर्चा के लिए तय किए गए विषयों के विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे।