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PM मोदी के आक्रामक तेवर, चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया; मामले का तिब्बत से कनेक्शन

PM Modi Action Against China: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार सरकार बनाते ही चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया है। तिब्बत को लेकर बड़ा फैसला लिया है। वहीं यह फैसला लेकर भाजपा की गठबंधन सरकार ने अपने इरादे भी स्पष्ट कर दिए हैं।

PM Modi Action Against China
PM Modi Tit For Tat Move For China: शपथ ग्रहण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि चीन से बदला लिया जाएगा। चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के नाम बदले थे। अब भारत तिब्बत में 30 जगहों के नाम बदलेगा। यह चीन के उस उकसावे का बदला होगा, जिसके चलते अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों के नाम बदले गए थे। PM नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित NDA सरकार ने तिब्बत में 30 स्थानों के नाम बदलने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह नाम तिब्बत की सरंचना और इतिहास को ध्यान में रखकर तय किए जाएंगे। नाम भारतीय सेना जारी करेगी और मैप में भी नामों को बदला जाएगा।   यह भी पढ़ें:UP में ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव; Yogi Adityanth ने कैबिनेट मीटिंग में लिए 41 बड़े फैसले

जिनके नाम बदले जाएंगे, उनमें यह सब शामिल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 5 मई 2020 को पैंगोंग त्सो क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ। इससे दोनों पड़ोसियों के बीच व्यापार को छोड़कर अन्य प्रकार के संबंधों में गिरावट आई। गतिरोध को हल करने के लिए दोनों पक्षों ने अब तक 21 दौर की सैन्य वार्ता की है, लेकिन समाधान नहीं निकला। वहीं अब यह कदम चीन द्वारा अप्रैल 2024 में अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों के नाम बदलने के जवाब में उठाया गया है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत का लक्ष्य तिब्बत में जगहों को अपने नाम देकर अपने क्षेत्रीय दावों को पुख्ता करना है। इस सूची में 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, 4 नदियां, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा और एक ज़मीन का टुकड़ा शामिल है, जिनके नाम अभी चीनी, तिब्बती और पिनयिन भाषा में हैं। यह भी पढ़ें:UP के लिए BJP की रणनीति; बड़े फैसले लिए जाएंगे, छूटेंगे कई साथ! जानें क्या है प्लान?

चीन और पाकिस्तान की समस्याओं का समाधान तलाशा जाएगा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के बार-बार के दावों के बावजूद भारत ने लगातार अरुणाचल प्रदेश को देश का अभिन्न अंग और अविभाज्य बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मनगढ़ंत नाम रखने से यह वास्तविकता नहीं बदलती। भारत की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रों में चीन की विस्तारवादी नीतियों को वैश्विक अस्वीकृति मिली है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दूसरी बार विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालते हुए आज चीन और पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों पर देश के कड़े रुख की पुष्टि की और कहा कि सीमा मुद्दों और सीमा पार आतंकवाद दोनों से भारत निपटेगा। जयशंकर ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि जहां तक ​​पाकिस्तान और चीन का सवाल है, उन देशों के साथ हमारे संबंध अलग हैं। वहां की समस्याएं भी अलग हैं। चीन के मामले में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजना चाहेंगे। यह भी पढ़ें:Modi 3.0 की राह चुनौतियों-कांटों भरी; 8 मुद्दों पर टकराव के आसार, नीतीश-नायडू के पलटने का डर


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