प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की है। वहीं दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात अगले महीने सितंबर में संभावित है। बता दें कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से जुड़े ताजा घटनाक्रमों के बारे में बताया है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के साथ संघर्ष खत्म होने और दोनों देशों के बीच शांति की शीघ्र बहाली के प्रयासों के प्रति भारत के रुख को दोहराया। दोनों नेताओं ने बातचीत में भारत-यूक्रेन के द्विपक्षीय संबंधों की भी समीक्षा की।
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर प्रतिबद्धता जताई
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को रूस के साथ संघर्ष विराम के संबंध में हर संभव सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई और पहले किए गए वादे को भी दोहराया। साथ ही दोनों देशों की भलाई के लिए आपसी सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट लिखा।
---विज्ञापन---
उन्होंने अपने X हैंडल पर पोस्ट लिखकर बताया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात हुई और उनके विचार जानकर बहुत खुशी हुई। रूस के साथ छिड़े संघर्ष के खत्म होने और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बात करते हुए भारत की ओर से सहयोग देने का वादा किया है। भारत यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: यूक्रेन को बख्शने के मूड में नहीं रूस, पुतिन और ट्रंप के बीच जंग को लेकर जानें क्या बातचीत हुई?
कैसे हैं भारत और यूक्रेन के संबंध?
बता दें कि भारत और यूक्रेन संबंध वर्ष 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद बने थे। दोनों देशों के बीच राजनयिक, आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। भारत ने 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को मान्यता दी थी और साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए। साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे, जो यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।
बता दें कि यूक्रेन भारत के लिए सैन्य उपकरणों का बड़ा सोर्स रहा है। भारत सरकार ने यूक्रेन से An-32 विमान, गैस टरबाइन और SU-30MKI के लिए R-27 मिसाइलें खरीदी हैं। यूक्रेन की कंपनी जोर्या मैशप्रोएक्ट भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए इंजन सप्लाई करती है। यूक्रेन से भारत को सूरजमुखी का तेल भी मिलता है। साल 2024 में भारत ने यूक्रेन को BHISHM (भारत हेल्थ इनिशिएटिव) के तहत 5 मोबाइल अस्पताल गिफ्ट किए थे।
यह भी पढ़ें: पुतिन को ट्रंप का तगड़ा झटका, यूक्रेन के समर्थन में रूस के खिलाफ US प्रेसिडेंट ने किए 2 बड़े ऐलान
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत का रुख
बता दें कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर तटस्थ रुख अपनाया हुआ है, इसलिए भारत ने परस्पर संवाद और कूटनीति पर जोर देते हुए रूस की सीधी निंदा करने से परहेज किया है। भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत भी की है। इसके लिए उन्होंने दोनों देशों के अध्यक्षों से बातचीत भी की थी। भारत सरका ने सितंबर 2025 में प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन शांति वार्ता का समर्थन भी किया, जिसे युद्ध समाधान के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।