PM Modi speech Double bonanza means: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि GST रिफॉर्म्स से देश के गरीब, मिडिल क्लास, Neo middle class के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने जीएसटी लागू होने से पहले के टैक्स सिस्टम के बारे में बताया और लोगों से 'मेड इन इंडिया' को बढ़ावा देने की अपील की। विदेशी सामानों से मुक्ति पाने के लिए देश में बने सामान की खरीदें जाएं। लोगों के लिए बचत और सेविंग का आसान बनाने के लिए नवरात्रि के साथ इसे 'जीएसटी बचत उत्सव' के रूप में मनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "आप आसानी से बचत कर पाएंगे और अपने पसंदीदा उत्पाद खरीद पाएंगे। इस त्योहारी सीज़न में, हर कोई मिठाइयों के साथ जश्न मनाएगा।"
रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 सितंबर से 'नेक्स्ट-जेनरेशन' जीएसटी सुधार लागू होंगे, जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। उन्होंने इसे "जीएसटी बचत उत्सव" बताया, जिससे आम आदमी की बचत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से 'एक राष्ट्र, एक टैक्स' का सपना साकार हुआ है, जिसने जटिल कर प्रणाली को सरल बनाया।
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आत्मनिर्भरता और स्वदेशी
मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर जोर दिया और लोगों से अपील की कि वे सिर्फ 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को ही खरीदें। उन्होंने कहा, "गर्व से कहो, ये स्वदेशी है"। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान में शामिल होने और निवेश का अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि नई जीएसटी दरें कम होने से सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योगों को बहुत फायदा होगा, जिससे उनकी बिक्री बढ़ेगी।
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न टैरिफ पर की बात, न ट्रंप का लिया नाम
पीएम मोदी ने ट्रंप के टैरिफ की बात किए बिना स्वदेशी वस्तुओं की खरीद पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि "छोटे दुकानदारों से लेकर उनसे खरीदारी करने वालों तक, हर किसी को यह कहने में गर्व होना चाहिए कि 'मैं स्वदेशी बेचता हूं', 'मैं स्वदेशी खरीदता हूं'।" उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, "हम अपने देश में जो कुछ भी बना सकते हैं, हमें बनाना चाहिए। उन्होंने आत्मनिर्भरता और लघु उद्योग पर अधिक जोर दिया तथा स्वदेशी और भारत में निर्मित उत्पादों पर जोर दिया।
हालांकि मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी दरों में कटौती का अमेरिकी टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन उनकी पार्टी भाजपा और सहयोगी दलों के कई लोगों ने इसके विपरीत प्रभाव की बात कही है। उनका तर्क है कि कम जीएसटी के कारण कीमतों में कमी से घरेलू खपत बढ़ेगी, जिससे अमेरिका या अन्य जगहों पर माल निर्यात करने की ज़रूरत कम हो जाएगी।