PM Modi Parliament Special Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र से पहले कहा कि मून मिशन की सफलता, चंद्रयान 3... हमारा तिरंगा फहरा रहा है। शिवशक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है। तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है। पूरे विश्व में जब इस प्रकार की उपलब्धि होती है, तो उसे आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि जब ये समार्थ्य उभरकर आता है, तो भारत के लिए नए अनेक अवसर हमारे दरवाजे पर खड़े हो जाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि चांद पर तिरंगा फहरा रहा है, G20 पर देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब से बड़ा है। ये ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र है। ये सत्र की विशेषता ये है कि आप 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से आरंभ हो रही है। अब नई जगह से सफर को आगे बढ़ाते हुए, हमें 2047 तक देश को विकसित देश बनाना है। इसके लिए आने वाले समय के सभी फैसले नए संसद भवन में लिए जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि जिस मुकाम पर 75 साल की यात्रा की, अब नए स्थान पर यात्रा को बढ़ाते समय, नई संकल्प, नई उर्जा और नया विश्वास के साथ चलना है। इसके लिए आगे जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो नए संसद में होने वाले हैं। ये सत्र कई प्रकार से महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को हमेशा गर्व रहेगा कि हम G20 शिखर सम्मेलन के दौरान ग्लोबल साउथ की आवाज़ बने और अफ्रीकी संघ G20 का स्थायी सदस्य बन गया। यह सब भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। कल एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र 'यशोभूमि' भी देश को समर्पित किया गया।
पीएम मोदी बोले- रोने-धोने के लिए बहुत समय है
पीएम ने कहा कि ये एक छोटा सत्र है। उनके (सांसदों) अधिकतम समय को उत्साह और उत्साह के माहौल में (सत्र के लिए) समर्पित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है, ऐसा करते रहें। जीवन में कुछ ऐसे पल होते हैं, जो आपको उत्साह और विश्वास से भर देते हैं। मैं इस छोटे से सत्र को ऐसे ही देख रहा हूं।
पीएम ने कहा कि कल (मंगलवार) गणेश चतुर्थी पर हम संसद के नए भवन में जाएंगे। उन्होंने कहा कि भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है, अब देश के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी। पीएम मोदी ने कहा कि 'निर्विघ्न रूप से सारे' 'सपने सारे संकल्प भारत परिपूर्ण करेगा'। पीएम मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि संसद का यह सत्र भले ही छोटा हो, लेकिन इसका दायरा ऐतिहासिक है।