NDA Dinner Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर एनडीए गठबंधन के सांसदों के लिए विशेष डिनर का आयोजन किया. यह आयोजन न सिर्फ राजनीतिक एकजुटता का प्रतीक रहा, बल्कि 'इंडिया की विविधता' को एक डाइनिंग टेबल पर एक साथ पेश करने का अवसर भी बना. डिनर में कुल 427 सांसदों ने हिस्सा लिया, जिनमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य शामिल रहे.
हर टेबल पर पीएम मोदी की मौजूदगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हर टेबल पर जाकर सांसदों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनका हाल-चाल जाना. डिनर में बैठने की अनूठी व्यवस्था की गई थी, हर टेबल पर पांच सांसद और एक मंत्री बैठे थे. प्रधानमंत्री मोदी खुद हर टेबल पर पहुंचे, सांसदों का अभिवादन किया और उनसे बातचीत की. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से आग्रहपूर्वक भोजन करवाया, जिससे कार्यक्रम का माहौल ही बदल गया.
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प्लेट में परोसी गई 'इंडिया की विविधता'
इस डिनर का सबसे खास पहलू था भारत की सांस्कृतिक विविधता को खाने की थाली में दिखाना. मेन्यू में हर राज्य से एक-एक पारंपरिक डिश शामिल की गई थी. कश्मीर का ‘कहवा’, बंगाल का ‘रसगुल्ला’, पंजाब की ‘मिस्सी रोटी’ और दक्षिण भारत के खास पकवान भी इस थाली में शामिल थे. प्रधानमंत्री की पहल थी कि एनडीए के सांसद एक टेबल पर बैठकर भारत के हर कोने का स्वाद अनुभव करें.
सांसदों को PM मोदी का संदेश
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '7 लोक कल्याण मार्ग पर आज शाम एनडीए सांसदों की मेजबानी करना मेरे लिए अत्यंत आनंद की बात रही. एनडीए परिवार सुशासन, राष्ट्रीय विकास और क्षेत्रीय आकांक्षाओं के साझा संकल्प का प्रतीक है. आने वाले वर्षों में हम सब मिलकर राष्ट्र के विकास की यात्रा को और मजबूत करते रहेंगे.'
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क्या हैं इस डिनर पार्टी के मायने?
साल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के लिए राजनीतिक समीकरण पहले जैसे नहीं रहे, क्योंकि अब एनडीए गठबंधन पहले से कहीं अधिक विविध और क्षेत्रीय दलों से भरा हुआ है. ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिनर कार्यक्रम यह संकेत देता है कि वे व्यक्तिगत जुड़ाव और संवाद को सियासत का सबसे प्रभावी औजार बना रहे हैं.
विपक्ष लगातार एनडीए में मतभेदों की बात करता रहा है, इसलिए यह सामूहिक मीटिंग गठबंधन के भीतर तालमेल और सामंजस्य को मजबूत करने की रणनीतिक कोशिश मानी जा रही है. संसद का शीतकालीन सत्र विपक्ष की आक्रामक रणनीतियों के बीच शुरू हो चुका है और ऐसे समय में एनडीए का एकजुट होकर शक्ति-प्रदर्शन करना केंद्र सरकार के लिए बेहद अहम है.