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PM Modi US Visit: ग्रीन डायमंड समेत पीएम मोदी ने बाइडेन दंपति को दिए ये गिफ्ट; जानें पूरी लिस्ट

PM Modi US Visit: पीएम मोदी के अमेरिका दौरे का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री ने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिका की फर्स्ट लेडी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस पहुंचे। यहां जो बाइडन ने उनका […]

PM Modi US Visit: पीएम मोदी के अमेरिका दौरे का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री ने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिका की फर्स्ट लेडी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस पहुंचे। यहां जो बाइडन ने उनका स्वागत किया। अमेरिकी फर्स्ट लेडी जिल को पीएम मोदी को गिफ्ट में ग्रीन डायमंड दिया। 7.5 कैरेट के इस डायमंड को लैब में विकसित किया गया है। पीएम मोदी ने पपीयर माचे भी गिफ्ट किया है। पपीयर माचे वह बक्सा है जिसमें हरा हीरा रखा जाता है। इसे कार-ए-कलमदानी के रूप में जाना जाता है। कश्मीर में इसे कुशल कारीगरों द्वारा कागज की लुगदी और नक़्क़ाशी के साथ तैयार किया जाता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दी। साल 1937 में, WB येट्स ने श्री पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित इस पुस्तक के पहले संस्करण की एक प्रति, 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद', पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन को उपहार में दी गई है।

पीएम मोदी ने बाइडन को गिफ्ट किया चंदन का डिब्बा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया, जिसे जयपुर के एक मास्टर शिल्पकार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। इसपर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं। पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में दस दान राशि हैं- गौदान (गाय का दान) के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक नाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है। भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज चढ़ाए गए हैं। राजस्थान में हस्तनिर्मित, यह 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में पेश किया है। पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है और इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है। लवंदन (नमक का दान) के लिए गुजरात का लवन या नमक अर्पित किया गया है।

बाइडेन दंपति से पीएम मोदी को मिले ये गिफ्ट

अमेरिकी राष्ट्रपति जो और जिल बाइडेन ने PM मोदी को 20वीं सदी की शुरुआत की एक हस्तनिर्मित, प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली भेंट की। इसके साथ ही एक विंटेज अमेरिकी कैमरा भी गिफ्ट किया। कैमरे के साथ जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट का एक अभिलेखीय प्रिंट और अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी की एक किताब भी है। वहीं जिल बाइडेन ने पीएम मोदी को एक किताब 'कलेक्टेड पोयम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट' का प्रथम संस्करण गिफ्ट किया।

जिल बोलीं- युवाओं में इन्वेस्ट की जरूरत, वे हमारा भविष्य

जिल बाइडन ने अलेक्जेंड्रिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन में कहा कि अगर हम चाहते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्थाएं मजबूत हों, तो हमें उन युवाओं में निवेश करने की जरूरत है जो हमारा भविष्य हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनके पास वे अवसर हों जिनके वे हकदार हैं। जो बाइडन के अमेरिका में निवेश के एजेंडे के माध्यम से, हम लाखों अच्छी नौकरियां पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका का रिश्ता सिर्फ सरकारों के बारे में नहीं है। हम उन परिवारों और दोस्ती का जश्न मना रहे हैं जो दुनिया भर में फैले हुए हैं, जो हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को महसूस करते हैं।

पीएम मोदी बोले- भारत-अमेरिका को प्रतिभा की पाइपलाइन की जरूरत

वहीं, नेशनल साइंस फाउंडेशन में मौजूद पीएम मोदी ने कहा कि विकास की गति को बनाए रखने के लिए, भारत और अमेरिका को प्रतिभा की एक पाइपलाइन की आवश्यकता है। एक तरफ, अमेरिका के पास शीर्ष श्रेणी के शैक्षणिक संस्थान और उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं। दूसरी तरफ, भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है। इसीलिए, मुझे विश्वास है कि भारत-अमेरिका साझेदारी टिकाऊ और समावेशी वैश्विक विकास का इंजन साबित होगी। पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत-अमेरिका शिक्षक विनिमय कार्यक्रम शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिकों और उद्यमियों का भारतीय संस्थानों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए, हमने 2015 में GIAN - ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स - शुरू किया। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इसके तहत अमेरिका से 750 संकाय सदस्य भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्कूलों में लगभग 10,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए हैं जिनमें बच्चों को विभिन्न प्रकार के इनोवेशन के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए, हमने 'स्टार्ट अप इंडिया' मिशन शुरू किया है।


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