Vaishno Devi Landslide: जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवा मार्ग पर हुए भूस्खलन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने अपने X हैंडल पर ट्वीट करके प्राकृतिक आपदा में 30 से ज्यादा लोगों की मौत होने पर संवेदना जताई है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन होने की खबर सुनकर दुख हुआ।
आपदा में हुई जनहानि भी दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर करे कि घायल लोग जल्द से जल्द स्वस्थ हों जाएं। स्थानीय प्रशासन आपदा प्रभावित लोगों की मदद कर रहा है। सभी घायलों और यात्रियों की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं।
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कब और कहां हुआ था भूस्खलन?
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिन से मानसून की भारी बारिश का दौर जारी है। इसके चलते जहां ब्यास, तवी और झेलम नदियां उफान पर बह रही हैं। वहीं फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की घटनाएं भी हो रही हैं। बीते दिन जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के पुराने यात्रा मार्ग पर भूस्खलन हुआ था। अर्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास 12 किलोमीटर लंबे रास्ते के मध्य हिस्से में भूस्खलन होने से मंदिर तक जाने वाली 271 सीढ़ियां बह गई थीं।
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अगले आदेश तक स्थगित रहेगी यात्रा
भूस्खलन दोपहर करीब 3 बजे हुआ था और आपदा में 27 अगस्त की दोपहर तक 33 लोगों की मौत होने की खबर है। आपदा में 25 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। खराब मौसम को देखते हुए मां वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को अगले आदेश तक अस्थायी रूप से रोक दिया है। हिमकोटि मार्ग पर यात्रा पहले से ही बंद थी। अब यात्रा को पुराने मार्ग पर भी रोक दिया गया है। साथ ही श्रद्धालुओं को इलाके को खाली करने, सुरक्षित जगहों पर या अपने घर लौट जाने की सलाह दी गई है।
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सेना, CRPF-NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आपदा का जायजा लिया। वहीं आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की सिक्योरिटी टीम, भारतीय सेना, CRPF और NDRF की टीमें जुटीं। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालकर नजदीकी CHC और नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां घायलों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई गई थी। अब घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।