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‘चाणक्य ने कहा था- पानी की छोटी बूंदें साथ आती हैं, तो घड़ा भर देती हैं’, विश्व बैंक के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

PM Modi On Climate Change: जलवायु परिवर्तन पर विश्व बैंक के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि चाणक्य ने लिखा था- जलबिन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः । स हेतुः सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च ॥ यानी पानी की छोटी-छोटी बूंदें जब एक साथ आती हैं, तो एक घड़ा भर जाता […]

PM Narendra Modi
PM Modi On Climate Change: जलवायु परिवर्तन पर विश्व बैंक के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि चाणक्य ने लिखा था- जलबिन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः । स हेतुः सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च ॥ यानी पानी की छोटी-छोटी बूंदें जब एक साथ आती हैं, तो एक घड़ा भर जाता है। इसी तरह ज्ञान, अच्छे कर्म या धन धीरे-धीरे जुड़ते हैं, जब लाखों लोग हमारे प्लानेट के लिए सही निर्णय लेते हैं, तो प्रभाव बहुत बड़ा होता है। विश्व बैंक के कार्यक्रम 'मेकिंग इट पर्सनल: हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज' में पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज से अकेले कॉन्फ्रेंस टेबल से नहीं लड़ा जा सकता, इसे हर घर में डिनर टेबल से लड़ना होगा। जब विचार चर्चा की मेज से खाने की मेज पर जाते हैं, तो यह एक जन आंदोलन बन जाता है।
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पीएम बोले- जन आंदोलनों और व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता है

पीएम मोदी ने कहा कि जन आंदोलनों और व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने का रास्ता दिखाता है। चाहे वह मिशन लाइफ हो, एलईडी बल्ब का उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई, प्राकृतिक खेती या बाजरा को बढ़ावा देना हो। उन्होंने कहा कि मिशन LiFE के तहत हमारे प्रयास कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं। इनमें स्थानीय निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना, प्राकृतिक खेती या बाजरा को बढ़ावा देना शामिल है।
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पीएम मोदी ने कहा कि हर परिवार और हर व्यक्ति को इस बात से अवगत कराना होगा कि उनकी पसंद से पृथ्वी को पैमाना और गति प्रदान करने में मदद मिल सकती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे ऊर्जा और संसाधनों के सतर्क उपयोग और भारत के उपभोग पैटर्न को विनियमित करने से बदलाव आया है।
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