Cotton Candy में मिलाया जाता है एक ‘जहर’; जानें कितना खतरनाक और कैसे करें मिलावट की पहचान?
कॉटन कैँडी को गुलाबी रंग देने के लिए इसमें खतरनाक केमिकल मिलाया जाता है।
Identify Chemical Rhodamine B Mixing In Cotton Candy: खाने में मीठी गुलाबी रंग की कॉटन कैंडी ‘बुढ़िया के बाल’ बच्चों की पसंदीदा कैंडी है, लेकिन आजकल कॉटन कैंडी को लेकर देश में विवाद चल रहा है। देश के फ़ूड एंड सेफ़्टी डिपार्टमेंट ने गली मोहल्लो में बिकने वाली इस कॉटन कैंडी को बच्चों की हेल्थ के लिए खतरनाक बताया है।
डिपार्टमेंट ने कॉटन कैंडी की जांच की तो पता चला कि इसे गुलाबी रंग देने के लिए एक जहरीला केमिकल रोडामाइन बी मिलाया जाता है। इस आधार पर तमिलनाडु और पुडुचेरी में कॉटन कैंडी बेचने पर रोक लगा दी गई है।
रोडामाइन-बी का इस्तेमाल बैन और दंडनीय अपराध
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, रोडामाइन बी एक प्रकार की सिंथेटिक ‘डाई’ (रंग) है, जो कॉटन कैंडी में गुलाबी रंग देने के लिए मिलाई जाती है। यह केमिकल पिगमेंट के रूप में कपड़ा, काग़ज और चमड़ा बनाने के काम आता है। यह रंग काफी सस्ता होता है और पानी में आसानी से घुल जाता है।
यह कलर गर्मी और प्रकाश को भी सह लेता है। फ़ूड सेफ़्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) ने खाने की चीजों में इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसे बनाना और इसे खाने की चीजों में इस्तेमाल करना फ़ूड सेफ़्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत दंडनीय अपराध है।
घर बैठे एक ट्रिक से पता लगा सकते हैं मिलावट
चेन्नई में फ़ूड सेफ़्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी सतीश कुमार बताते हेँ कि पूरे तमिलनाड़ु में मशहूर रोज मिल्क, सुपारी और लाल मूली में रोडामाइन-बी केमिकल की मिलावट होती है, लेकिन हर खाने की चीज में रोडामाइन-बी केमिकल मिला हो, जरूरी नहीं है।
चीजों में इस केमिकल की मिलावट की पहचान लोग खुद घर बैठे कर सकते हैं। जैसे अगर शकरकंद में रोडामाइन-बी की मिलावट होने के बारे में जानना है तो रूई लेकर उसे पानी या तेल में भिगोए। इस रूई को शकरकंद पर घिसें। अगर रंग गुलाबी हो जाए तो शकरकंद में रोडामाइन-बी मिला हुआ है।
शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता केमिकल
सतीश बताते हैं कि FSSAI के यूट्यूब पेज पर खाने की चीजों में मिलावट का पता लगाने के तरीके बताने वाले वीडियो मौजूद हैं, लेकिन कॉटन कैंडी में रोडामाइन-बी है या नहीं, इसकी जांच फ़ूड सेफ़्टी विभाग में टेस्ट करके ही पता लग सकती है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में फ़ूड सेफ़्टी डिमार्टमेंट की लैब में ही नमूनों की जांच हुई थी। कई चिकित्सीय शोधों में रिजल्ट सामने आया है कि रोडामाइन-बी कार्सिनोजेनिक और म्यूटाजेनिक (कैंसर कारक) है। इससे स्किन से जुड़ी बीमारियां, सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है। लीवर और किडनी खराब हो चुके हैं।
ज्यादा सेवन सीधे दिमाग पर असर डाल सकता है
चेन्नई में गवर्नमेंट स्टैनले हॉस्पिटल में फ़ॉर्माकोलॉजी विभाग के प्रमुख एस. चंद्रशेखर कहते हैं कि रोडामाइन-बी लीवर कैंसर का कारण बन सकता है। यह नर्वस सिस्टम को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। स्पाइनल कॉर्ड को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचाने की इसकी क्षमता ली गई मात्रा पर निर्भर करेगा। अगर इस केमिकल का सेवन लगातार किया जाए तो यह दिमाग पर असर डाल सकता है।
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