Rahul Gandhi Loksabha Membership: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी पर एक बार फिर तलवार लटक गई है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक याचिका दाखिल हुई। जिसमें राहुल गांधी की लोकसभा सचिवालय द्वारा सांसद सदस्यता बहाल किए जाने के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यदि कोई विधायक या सांसद अदालत द्वारा किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है तो वह स्वत: ही अपना पद खो देता है। सभी आरोपों से बरी होने से पहले वह सांसद या विधायक के रूप में सदन में नहीं लौट सकता है।
लोकसभा सचिवालय का फैसला सही नहीं
यह याचिका लखनऊ के एक वकील अशोक पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। उनका तर्क है कि दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सचिवालय द्वारा सदस्यता बहाल करने का फैसला सही नहीं था। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का राहुल गांधी की सदस्यता को खारिज करने का फैसला सही था, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दिया तो जनवरी को उन्हें बहाल कर दिया गया। यह फैसला सही नहीं है।
मानहानि मामले में मिली थी सजा
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों हैं? उनकी इस टिप्पणी को सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने समूची मोदी जाति का अपमान बताकर केस दर्ज कराया था। गुजरात की सूरत कोर्ट ने मार्च में राहुल गांधी को इस केस में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी।
हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिलने के बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट गए थे। शीर्ष अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सात अगस्त को उनकी सदस्यता दोबारा बहाल हुई।
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